यूपी में CAA का विरोध करने वालों से ‘बदला लेने’ की कार्रवाई शुरु, नेताओं की धर पकड़, दुकानें सील की गईं
रविवार को प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी देश को भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे थे कि उनकी सरकार ने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है, उसी दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस राज्य के सैकड़ों मुसलमानों की दुकानें सील करने की कार्रवाई यह कहकर कर रही थी कि इन लोगों ने दंगा किया है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जिला प्रशासन द्वारा ऐसी दुकानें भी सील करने की जानकारी सामने आई है जो शुक्रवार को बंद थीं। जानकारी के मुताबिक पुलिस प्रशासन ने मुजफ्फरनगर में आर्य समाड रोड और विकास भवन रोड पर मीनाक्षी चौक के नजदीक करीब 67 दुकानों को सील कर दिया। एक अधिकारी का कहना था कि ये दुकानें बंद थीं इसका अर्थ उन्हें पता था कि क्या होने वाला है।
उधर लखनऊ में जिलाधिकारी ने भी बताया कि उपद्रव करने वालों की पहचान कर ली गई है और उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने चार सदस्यीय पैनल का गठन किया है जो नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शनों में हिंसा के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को पहुंचे नुकसान का आकलन करेगा। पैनल उपद्रवियों की पहचान करेगा और उन पर जुमार्ना लगाएगा और अगर वे राशि का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा।
ध्यान रहे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा था कि हिंसा में शामिल लोगों को सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा था, "हम उनकी संपत्तियों को जब्त करेंगे क्योंकि कई चेहरों की वीडियो फुटेज के माध्यम से पहचान हुई है। उन सबसे बदला लिया जाएगा।"
इस दौरान मुजफ्फरनगर से मिली जानकारी के मुताबिक कई इलाकों में अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है और उन्हें पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस बात के वीडियो सबूत हैं कि पुलिस वालों ने कई इलाकों में खुद ही सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है, फिर भी अल्पसंख्यकों से जबरदस्ती लिखवाया जा रहा है कि पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया। मुस्लिम मुहल्लों के बाहर के पुलिस चौकियां बना दी गई हैं।
इसके अलावा पुलिस शहर के कुछ ऐसे लोगों को भी हिरासत में लिया है या उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है जो लोगों को शांत करने में पुलिस की मदद कर रहे थे। पुलिस ने शहर के शिया धर्म गुरु 60 वर्षीय मौलाना असद को हिरासत में लेकर पिटाई की। वे अस्पताल में भर्ती हैं। साथ ही मुस्लिम मुहल्लों खालापार, खादरवाला, किदवई नगर, मल्लूपुरा और नड्डावाला में फोन सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं।
वहीं रामपुर से भी इसी किस्म की खबरें मिल रही हैं। रामपुर में मुस्लिम समुदाय का जाना पहचाना चेहरा और इत्तिहाद नौजवान कमिटी के पदाधिकारी फारुक रहमानी को दंगा फैलाने और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें जिस वक्त गिरफ्तार किया गया उस वक्त वह शहर के घेर मुहल्ले में लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे थे। इसी तरह एक युवा इश्तियाक अहमद को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब वह अपनी मां की दवा लेकर लौट रहा था। उसने पुलिस को दवा और दवा का पर्चा भी दिखाया, लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी।
इस दौरान यह आरोप भी लग रहे हैं कि उपद्रव में बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ता भी शामिल थे। कुछ मामलों में एबीवीपी के नेता का भी नाम आया है। इसी तरह गोरखपुर में उपद्रव के लिए आरएसएस कार्यकर्ताओं पर आरोप लगे हैं।
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