क्या लालू यादव के लिए यूपी में जालौन के डीएम ने किया था जज को फोन? योगी सरकार ने दिए जांच के आदेश 

चारा घोटाला में सजा के ऐलान से पहले लालू यादव की पैरवी करना उत्तर प्रदेश के दो अधिकारियों को मंहगा पड़ सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जालौन जिले के डीएम और एसडीएम के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे लालू यादव की पैरवी करना उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए मंहगा पड़ गया है। चारा घोटाला के एक मामले में सजा के ऐलान से पहले सीबीआई जज को फोन कर लालू यादव के लिए सिफारिश करने के आरोप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जालौन के दोनों बड़े प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं।

खबरों के मुताबिक, चारा घोटाला के एक मामले में दोषी ठहराए गए लालू यादव की सजा के ऐलान से पहले रांची की विशेष सीबीआई अदालत के जज शिवपाल सिंह को जालौन के डीएम मन्नान अख्तर और एक एसडीएम भैरपाल सिंह ने फोन किया था और कथित तौर पर लालू यादव को कम सजा देने की सिफारिश की थी।

यूपी सरकार, सीएम कार्यालय और यूपी सीएम कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर जारी सूचना के मुताबिक, इस जांच की जिम्मेदारी झांसी मंडल के आयुक्त अमित गुप्ता को सौंपी गई है। हालांकि, मीडिया में खबर आने के बाद दोनों अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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जालैन के डीएम मन्नान अख्तर और विशेष सीबीआई कोर्ट के जज शिवपाल सिंह

जालैन के जिलाधिकारी मन्नान अख्तर का कहना है, “सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह से मेरी कभी भी फोन पर कोई बात नहीं हुई है। मैं यहां सिर्फ 4 महीनों से हूं और इस दौरान नवंबर में एक जमीन विवाद के सिलसिले में वह हमसे मिलने आए थे। उस दौरान किसी और मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई थी।” जिलाधिकारी ने कहा, “आखिर कैसे बिना किसी सबूत के कोई इस तरह के गंभीर आरोप लगा सकता है। अख्तर ने बताया, मैं असम का रहने वाला हूं और उत्तर प्रदेश में नौकरी कर रहा हूं, मेरा लालू जी के साथ किसी तरह का संबंध नहीं है।”

जालौन के अनुमंडल अधिकारी भैरपाल सिंह का भी कहना है कि सीबीआई जज शिवपाल सिंह से लालू यादव के संबंध में कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सीबीआई जज से बात जरूर हुई थी लेकिन लालू यादव के संबंध में नहीं बल्कि जालौन में एक भूमि विवाद। क्योंकि शिवपाल सिंह जालौन के रहने वाले हैं और उनके परिवार का वहां जमीनी विवाद चल रहा है।

बहुचर्चित चारा घोटाला के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को साढ़े तीन साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। फिलहाल राजद प्रमुख रांची के बिरसा मुंडा केंद्री जेल में अपनी सजा काट रहे हैं।

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