यूपी निकाय चुनाव : 'जो जनता को सताए हैं हम उनको हटाएंगे', समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच वीडियो वार

समाजवादी पार्टी ने भी बीजेपी को घेरते हुए अपने ट्विटर हैंडल से एक गाना लॉन्च कर दिया, जिसका शीर्षक है - 'जो जनता को सताए हैं हम उनको हटाएंगे'।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का प्रचार जोरों पर है। इसी क्रम में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मुख्य विपक्षी (समाजवादी पार्टी) सपा के बीच वीडियो वार शुरू हो गया है। दोनों पार्टियां गाना लॉन्च कर एक दूसरे की कमियां गिना रही हैं। बीजेपी ने सोमवार को अपने ट्विटर हैंडल से सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए एक वीडियो सॉन्ग लॉन्च किया। जिसका शीर्षक है 'गुंडे पुकारते हैं अखिलेश आइए'। सपा ने इस पर पलटवार किया है। सपा ने भी बीजेपी को घेरते हुए अपने ट्विटर हैंडल से एक गाना लॉन्च कर दिया, जिसका शीर्षक है - 'जो जनता को सताए हैं हम उनको हटाएंगे'।

बीजेपी ने इस सॉन्ग के जरिए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। गाने में मुजफ्फरनगर दंगों, महिलाओं के खिलाफ अपराध, मुख्तार, गायत्री प्रजापति का भी जिक्र किया गया है। इस गाने के वीडियो में अतीक अहमद को भी दिखाया गया है। बीजेपी ने अपने वीडियो के जरिए समाजवादी पार्टी को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की है।

वहीं सपा ने बीजेपी के इस वीडियो को लेकर योगी सरकार पर पलटवार किया है। पार्टी ने ट्वीट कर लिखा, "भाजपाइयों को सामाजिक न्याय की बात करने वाले, दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों की बात करने वाले गुंडे लगते हैं। यह सिर्फ मुख्यमंत्री के स्वजातीय को ही सही मानते हैं बाकी सबको ये गुंडा बताते हैं। इसी मानसिकता के कारण योगी की भाजपा सरकार दलितों वंचितों के साथ अन्याय और भेदभाव करती है।"


उधर सपा की ओर से जारी जवाबी वीडियो गीत में महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरा गया है। गाने में अपने अधिकार के लिए लड़ रहे छात्र एवं युवा-युवतियों पर पुलिसिया लाठीचार्च को दिखाया गया है। आवारा पशुओं से किसानों को हो रही परेशानी को भी जगह दी गई है।

इसके अलावा सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार, कोरोना के दौरान अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था और सरकारी स्कूलों की दयनीय हालत का भी जिक्र किया गया है। गाने में मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को दिखाते हुए उन्हें हटाने की बात कही गई है। वीडियो में अखिलेश सरकार के दौरान बने एक्सप्रेस वे समेत अन्य विकास कार्य को झलक भी दिखाई गई है।


गौरतलब है कि यूपी में नगरीय निकाय चुनाव दो चरणों में होगा। 18 में से 9 मंडलों में 4 मई को पहले चरण में तथा बाकी 9 मंडलों में दूसरे चरण में 11 मई को मतदान होगा। इस तरह सूबे के कुल 75 जिलों में मतगणना 13 मई को एक साथ होगी।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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