UP: फर्रुखाबाद में दो सहेलियों के शव पेड़ से लटके मिले, परिजनों को हत्या की आशंका, प्रियंका ने प्रशासन से पूछे सवाल

परिजनों का कहना है कि दोनों लड़कियों के शरीर में मारपीट के निशान थे, जिसका वीडियो हमारे पास है, लेकिन पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बताया कि कोई निशान नहीं मिला।

प्रतीकात्मक तस्वीर
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नवजीवन डेस्क

फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज कोतवाली क्षेत्र में जन्माष्टमी के पर्व पर मंदिर के लिए घर से निकलीं 15 और 18 वर्ष की दो सहेलियों के शव मंगलवार को एक बाग में आम के पेड़ से लटके पाए गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। शवों को बरामद करने के बाद पुलिस ने बताया कि दोनों के शव दो दुपट्टे जोड़कर बनाये गये फंदे से लटके थे। पुलिस ने दोनों के शवों को फंदे से उतरवाकर जांच शुरू कर दी है। परिजनों ने हत्या करने के बाद शव लटका देने का आरोप लगाया है।

पुलिस जहां इसे आत्महत्या बता रही है वहीं मृतक लड़कियों के परिजन हत्या की आशंका जता रहे हैं। परिजनों ने पुलिस की थ्योरी पर भी सवाल खड़े किए हैं। परिजनों का कहना है कि लड़कियां हंसी-खुशी घर से बाहर गई थी, ना कोई तनाव था और ना कोई उन्हें डांटता था, आखिर वो अचानक से पेड़ से लटकर फांसी क्यों लगाएंगी?


परिजनों का कहना है कि दोनों लड़कियों के शरीर में मारपीट के निशान थे, जिसका वीडियो हमारे पास है, लेकिन पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बताया कि कोई निशान नहीं मिला। हमने पुलिस को फोरेंसिक टीम के आने तक इंतजार करने के लिए कहा था, मगर पुलिस ने पहले ही क्राइम सीन पर आकर डेड बॉडी को उतार लिया और अपनी कार्यवाही शुरू कर दी।

ग्रामीणों की माने तो सूचना मिलते ही पुलिस ने आनन-फानन में आकर लाश को पेड़ की टहनी से उतार लिया, किसी को देखने भी नहीं दिया। जल्दबाजी में पूरा काम किया. इससे भी सवाल उठता है।

इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ‘महिला सुरक्षा’ को लेकर सरकार से सवाल किए हैं। प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “इतनी भयावह घटना के बाद एक पिता को ये सवाल क्यों उठाने पड़ रहे हैं? क्या एक पीड़ित पिता का ये भी हक नहीं कि उसे अपनी बेटी के साथ हुए सुलूक का सच पता चल सके? आखिर प्रशासन बच्चियों के शवों को जलाने की जल्दबाजी क्यों दिखा रहा है?”


उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, “फर्रुखाबाद में दो दलित लड़कियों के साथ घटी घटना पर प्रशासन का रवैया कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।“

उन्होंने कहा, “हाथरस हो, उन्नाव हो या फर्रुखाबाद - सब जगह वही क्रूर कहानी दोहराई जाती है। तो क्या अब दलित, पिछड़े, ​वंचित, गरीब, महिलाएं, या जो भी कमजोर हैं, वे न्याय की आशा छोड़ दें?”

बता दें कि मृतक दोनों लड़कियां सहेली थीं। इनमें एक 18 साल की तो दूसरी 16 साल की थी। पुलिस के अनुसार दोनों सहेलियां मंदिर में दर्शन के लिए निकली थीं। परिजनों ने बताया कि दोनों सोमवार रात लगभग 10 बजे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित मंदिर के लिए निकली थीं, जहां जन्माष्टमी का आयोजन किया गया था।

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