‘कुशासन के बादल छंटने के बाद विपक्षी एकता के इंद्रधनुषी रंग’: पढ़िए यूनाइटेड इंडिया रैली में किसने क्या कहा
यूनाइटेड इंडिया रैली के झंडे तले जमाविपक्षी दलों के नेताओं ने एकमत से केंद्र की बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का आव्हानकिया। तृणमूल कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बुलावेपर देश की सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने इस रैली में हिस्सा लिया। आइए देखतेहैं किसने क्या कहा:
यशवंत सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री
“यह आव्हान किसी एक व्यक्ति के सत्ता से बेदखल करने का नहीं है। हम एक विचारधारा को हराने के लिए एकजुट हुए हैं। आज एक भी ऐसी लोकतांत्रिक संस्थान हीं बची है जिसे मौजूदा केंद्र सरकार ने नष्ट न किया हो। देश की अर्थव्यवस्था रसातल में हैं। यह पहली अकेली सरकार है तो तथ्यों और आंकड़ों को छिपाकर हकीकत से बचती रहती है। यह सरकार देश और समाज को बांटने का काम कर रही है।”
अरुण शौरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री
“हमारा सिर्फ एक ही लक्ष्य है, और वह है 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना। हमें अर्जुन बनकर बीजेपी के हर उम्मीदवार के खिलाफ संयुक्त विपक्षा का प्रत्याशी उतारना होगा। यह आसाना काम नहीं है, लेकिन देश की खातिर, देश प्रेम की खातिर हमें ऐसा करना पड़ेगा। इससे पहले किसी सरकार ने इतने झूठ नहीं बोले हैं। संस्थाओं को कभी इतना कमजोर नहीं किया गया। एक भी संस्था नहीं बची है जिसे इस सरकार ने कमजोर नहीं किया हो।”
मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस
देश आज भयंकर संकट से दोचार है। आर्थिक तौर पर आम लोगों को कंगाल कर दिया गया है। राजनीतिक तौर पर संस्थाओं को नष्ट कर दिया गया है। हमें ऐसी ताकतों को हराना है जो संविधान को नष्ट करने की कोशिश कर रही हैं। जब तक हम एकजुट नहीं होंगे, तब तक मोदी, शाह जैसे लोग लोकतंत्र और भारत की धर्मनिरपेक्ष मूल्यों से खिलवाड़ करते रहेंगे।
अगला चुनाव लोकतंत्र में विश्वास की बहाली के लिए लड़ा जाएगा। इस रैली ने विभिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमियों से आए नेताओं को एक मंच पर जमा किया है। सबका लक्ष्य मोदी सरकार को हराना है। सभी नेता एकजुट होकर लोकतंत्र की रक्षा करें।
फारुक अब्दुल्ला, नेशनल कांफ्रेंस
स्वतंत्रता के 70 साल बाद देश के सामने एक और चुनौती है, लोगों को धार्मिक आधार पर बांटा जा रहा है। नागरिकता कानून के नाम पर पूर्वोत्तर धधक रहा है। अगर देश को बचाना है तो हम सबको कुरबानी देनी होगा। देश को बचाने के लिए हमें एकसाथ आना होगा। मैं मुस्लिम हूं, लेकिन हिंदुस्ताना का हिस्सा हूं, हर कश्मीरी भारत में रहना चाहता है।
बीते चार साल में मौजूदा सरकार ने हमें चौतरफा समस्याओं के सिवा कुछ नहीं दिया। हमें बीजेपी के खत्म करना होगा, इसके लिए जरूरी है कि हम एक साथ चुनाव लड़ें। हमें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए, राष्ट्रपति से मिलना चाहिए, कि हम बैलट पेपर से चुनाव चाहते हैं। हम एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो संस्थाओं की इज्जत कर सके।
अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी
बंगाल आज पूरे देश के राह दिखा रहा है। वे हमारा मजाक उड़ाते हैं कि हमारे यहां पीएम पद के बहुत से दावेदार हैं। लेकिन हमारा पीएम जनता तय करेगी। हम जनता से पूछते हैं कि आपको किसने झांसा दिया? किसने देश के लोगों के साथ धोखा किया? किसने नफरत का गंदा खेल खेला? यह सब बीजेपी ने किया। उन्होंने नारा दिया सबका साथ सबका विका, लेकिन समाज में जहर घोला। पीएम का संदेश ही नफरत है।
आज बीजेपी ने सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों के साथ गठबंधन किया है, लेकिन हमारा गठबंधन आम लोगों के साथ है। बीजेपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी गठबंधन हुआ है। हमने सभी दलों को साथ जोड़ा है, इससे बीजेपी में असुरक्षा की भावना घर कर गई है।
एन चंद्रबाबू नायडू, टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री
मैं इस रैली के लिए ममता बनर्जी जी की तारीफ करता हूं कि उन्होंने देश के भविष्य के लिए इस रैली का आयोजन किया। आज ऐतिहासिक दिन है। हमारी सिर्फ एक महत्वाकांक्षा है, और वह है लोकतंत्र की सुरक्षा। बीजेपी सरकार देश को बांटना चाहती है, लेकिन देश को एकजुट करने के लिए हम यहां है। पांच साल पाहले लोगों ने बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दिया, लेकिन उन्होंने देश के साथ धोखा किया।
शत्रुघ्न सिन्हा, बीजेपी सांसद
आज हम देश को एक दिशा देने के लिए इकट्ठा हुए हैं। हम पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षइम के विचार जानने के लिए यहां है। आज देश का मूड एक है और विकास की तरफ है। युवा पीढ़ी में जोश है। मैं सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता। बीजेपी से पहले मैं देश का नागरिक हूं। अगर सच बोलना बगावत है तो समझो मैं बागी हूं।
अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री
बीते पांच साल में मोदी-अमित शाह की जोड़ी ने देश को खत्म कर दिया। आज लोग उनसे तंग आ चुके हैं। प्रधानमंत्री ने झूठ बोल कर युवाओं से वोट लिया। उनसे नौकरी का वादा किया था। आज नौकरियां और रोजगार का पता नहीं है। किसानों की हालत खराब है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। मोदी-शाह ने अपनी मित्र बीमा कंपनियों को उनके पीछे लगा दिया है। बीमा कंपनियों को फायदा हो रहा है, किसानों को पैसा नहीं मिल रहा है। महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर बीजेपी फेल हुई है।
एम के स्टालिन, डीएमके प्रमुख
यह दूसरा स्वतंत्रता संग्राम है। लोकसभा चुनाव में हमें मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का मौका मिल रहा है। प्रधानमंत्री दावा करते थे कि देश में विपक्ष नहीं बचा है। लेकिन आज वह सिर्फ विपक्ष की ही बात करते हैं। उनके मन में भय बैठ गया है कि हम उन्हें उखाड़ फेंकेंगे। बीजेपी सरकार आम लोगों की सरकार नहीं, बल्कि कार्पोरेट्स की सरकार है।
अगर मोदी दोबारा सत्ता में आ गए तो देश 50 साल पीछे चला जाएगा। आज नरेंद्र मोदी को जिन लोगों से डर लगता है, उनमें ममता बनर्जी भी एक हैं। मोदी और अमित शाह को बंगाल आने से डर लगता है। ममता बनर्जी लौह महिला हैं, वे कलैंगर करुणानिधि का बहुत सम्मान करती थीं। हमारी एकता ही मोदी को हराएगी।
शरद पवार, एनसीपी
एक भी संस्था नहीं बची है जो इस सरकार ने बरबाद न की हो।
एच डी कुमारस्वामी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता
भारत दुनिया के मजबूत लोकतंत्र में से एक है। अनेकता में एकता हमारा भविष्य है। लेकिन आज अलोकतांत्रिक तौर तरीकों और संविधान विरोधी सरकार का केंद्र पर कब्जा है। क्षेत्रीय दलों का लोगों के साथ हमेशा गहरा रिश्ता रहा है, वे राज्य और उसके लोगों के हितों का ध्यान रखते हैं।
अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस
बादल छंट रहे हैं, और राजनीतिक इंद्रधनुष नजर आ रहा है। मोदी सरकार इस इंद्रधनुष के रंग से सहमी हुई है। गठबंधन का समय आ चुका है। मोदी सरकार किसी भी आलोचना को सहन नहीं कर पाती है। मोदी और अमित शाह का उद्देश्य सिर्फ लोगों को गुमराह करके वोट हासिल करना है।
सतीश चंद्र मिश्रा, बीएसपी नेता
फैक्टरियां बंद हो रही हैं, किसान संकट में हैं, अल्पसंख्यक बुरे दौर से गुजर रहे हैं। यह केंद्र सरकार का आईना है। ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना होगा। अगर हमें संविधान बचाना है,तो हमें बीजेपी से मुक्ति पानी होगी।
तेजस्वी यादव, आरजेडी नेता
अगर आप इस सरकार के सामने नहीं झुकते हैं, तो यह केंद्रीय एजेंसियों को आपके पीछे लगा देती है। मोदी सरकार झूठ के सौदागर ही नहीं डिस्ट्रीब्यूटर भी हैं। अगर मोदी जी खुद को चौकीदार कहते हैं, तो देश की जनता थानेदार है, जो आपको सजा देगी।
महागठबंधन की पहली सभा में हमें एकजुटता का संदेश मिला है। समय कम है, सिर्फ दो महीने बचे हैं। बड़ा काम करना है, हमें मतभेद भुलाकर साथ आना होगा।
नीचे दिए वीडियो में देखें इस रैली में किसने क्या कहा:
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