बेरोजगारों के जख्मों पर मोदी के मंत्री का नमक, बोले- देश में नहीं रोजगार की कमी, लोगों में है योग्यता की कमी
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि देश में आर्थिक मंदी जैसी स्थिति नहीं है। गंगवार ने कहा कि उनकी सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
देश में छाई मंदी के चलते पिछले कुछ महीनों में लाखों युवा रोजगार खो चुके हैं। रोजगार नहीं मिलने से युवा परेशान हैं। वहीं केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने बेरोजगार युवाओं के जख्म पर नमक छिड़कने जैसा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “देश में नौकरियों की कमी नहीं है, हमारे उत्तर भारत के लोगों में योग्यता की कमी है। यहां नौकरी के लिए रिक्रूट करने आने वाले अधिकारी बताते हैं कि उन्हें जिस पद के लिए लोग चाहिए। उनमें वह योग्यता नहीं है।”
मोदी के मंत्री संतोष गंगवार अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मीडिया से बात कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने यह बयान दिया। गंगवार यहीं नहीं रुके अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक मंदी जैसी स्थिति नहीं है। गंगवार ने कहा कि उनकी सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय भी शामिल है। उन्हें कहा कि मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में अपने काम से जनता में शासन के प्रति विश्वास जगाया है।
केंद्रीय रोजगार मंत्री संतोष गंगवार के बयान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मंत्रीजी, 5 साल से ज्यादा आपकी सरकार है। नौकरियां पैदा नहीं हुईं। जो नौकरियां थीं, वो सरकार द्वारा लाई आर्थिक मंदी के चलते छिन रही हैं। नौजवान रास्ता देख रहे हैं कि सरकार कुछ अच्छा करे। आप उत्तर भारतीयों का अपमान करके बच निकलना चाहते हैं। ये नहीं चलेगा।”
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब देश में आर्थिक मंदी जैसे हालात हैं। आर्थिक मंदी की वजह से ऑटो सेक्टर की बड़ी-बड़ी कंपनियां प्रोडक्शन बंद करने को मजबूर हैं। लाखों युवाओं की नौकरियां जा चुकी हैं, और मोदी के मंत्री उलटे सीधे बयान देने में जुटे हुए हैं। ऐसा नहीं है कि संतोष गंगवार पहले केंद्रीय मंत्री हैं, जिन्होंने इस तरह का बयान दिया है। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने एक बयान में आर्थिक मंदी के लिए ओला-उबर को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं, सीतारमण के बयान की जब पूरे देश में कड़ी आलोचना हुई तो उनके बचाव में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सामने आए थे। गडकरी, वित्त मंत्री का बचाव करते हुए दो कदम और आगे निकल गए थे। उन्होंने अर्थिक मंदी के सवाल पर ई-रिक्शा तक को घसीट दिया था।
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