उद्धव ठाकरे ने BJP के साथ नजदीकी को किया खारिज, फडणवीस के साथ लिफ्ट की यात्रा को बताया संयोग

उद्धव ठाकरे ने फिल्म 'जब जब फूल खिले' (1965) के एक लोकप्रिय गीत का हवाला देते हुए कहा कि ...ना, ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे...बीजेपी के साथ ऐसा कुछ नहीं होने वाला है...आप निश्चिंत रहें।

उद्धव ठाकरे ने BJP के साथ नजदीकी को किया खारिज, फडणवीस के साथ लिफ्ट यात्रा को बताया संयोग
उद्धव ठाकरे ने BJP के साथ नजदीकी को किया खारिज, फडणवीस के साथ लिफ्ट यात्रा को बताया संयोग
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नवजीवन डेस्क

शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि महायुति में उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी 'लिफ्ट-राइड' मात्र संयोग थी, इससे अधिक कुछ नहीं। दोनों नेताओं के आज विधानभवन में लिफ्ट में एक साथ यात्रा पर शुरू हुई अटकलों को ठाकरे ने सिरे से खारिज कर दिया। ठाकरे ने फिल्म 'जब जब फूल खिले' (1965) के एक लोकप्रिय गीत का हवाला दिया और कहा, "... 'ना, ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे'...बीजेपी के साथ ऐसा कुछ नहीं होने वाला है...आप निश्चिंत रहें।"

लिफ्ट में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत को लेकर लगाए जा रहे कयास के बीच ठाकरे ने मजाकिया अंदाज में कहा, "ऐसा कहा जाता है कि दीवारों के कान होते हैं, इसलिए अब से कोई भी गुप्त बातचीत केवल लिफ्ट में ही होनी चाहिए!" बीजेपी मंत्री चंद्रकांत पाटिल के विधान भवन में शिवसेना (यूबीटी) कार्यालय में एक बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचने पर जब पत्रकारों ने उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि किसने किसे आंख मारी, तो ठाकरे ने इसे खारिज करते हुए कहा," कल से मैं चश्मा पहनूंगा।"


हंसी मजाक के बीच संसदीय मामलों और उच्च शिक्षा मंत्री पाटिल ने ठाकरे को चॉकलेट का एक पैकेट भेंट किया, जबकि विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने 'पेड़े' का एक डिब्बा निकाला और मंत्री पाटिल को यह कहते हुए पेश किया कि यह लोकसभा चुनावों में हमारी जीत के लिए है। बाद में ठाकरे ने पाटिल पर निशाना साधते हुए कहा कि लड़कियों के लिए मुफ्त उच्च शिक्षा की तरह, पाटिल को 'मुफ्त चॉकलेट' बांटना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि राज्य के लोग महायुति सरकार से थक चुके हैं।

इस समय चल रहे विधानमंडल सत्र को "महायुति सरकार का विदाई सत्र" बताते हुए ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा और याद दिलाया कि उनकी सरकार ने वादा किया था कि राज्य में किसानों की आत्महत्याएं नहीं होंगी। ठाकरे ने पूछा कि क्या किसानों की आत्महत्याएं रुक गईं हैं? पूर्व मुख्यमंत्री ने विपक्षी एमवीए की मांगों को दोहराया कि अक्टूबर में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में किसानों के कर्ज को माफ किया जाए और सूखे से निपटने के लिए कदम उठाए जाएं।

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