अहमदाबाद में कपड़ा फैक्ट्री में गैस लीक होने से दो श्रमिकों की मौत, सात अस्पताल में भर्ती, इलाके में दहशत
जानकारी के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब फैक्ट्री में सल्फ्यूरिक एसिड का टैंकर खाली किया जा रहा था। इस दौरान ब्लीचिंग सेक्शन में कास्टिक सोडा के साथ रिएक्शन होने के कारण धुआं फैल गया, जिसकी चपेट में आकर कई कर्मचारी बेहोश हो गए।
गुजरात के अहमदाबाद के नारोल में देवी सिंथेटिक प्राइवेट लिमिटेड नामक कपड़ा कंपनी की फैक्ट्री में रविवार को गैस लीक होने से दो कर्मचारियों की मौत हो गई। इस घटना में कंपनी के सात कर्मचारी घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब कंपनी में सल्फ्यूरिक एसिड का टैंकर खाली किया जा रहा था। इस दौरान ब्लीचिंग सेक्शन में कास्टिक सोडा के साथ रिएक्शन होने के कारण धुआं फैल गया, जिससे कई कर्मचारी बेहोश हो गए।
कंपनी में गैस लीकेज की घटना के बाद तुरंत 108 आपातकालीन सेवा को बुलाया गया, जिसके जरिये नौ कर्मचारियों को मणिनगर के एलजी अस्पताल में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया। बेहोश सभी नौ कर्मचारियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसमें से दो कर्मचारी की मौत हो गई। अन्य सात कर्मचारियों का इलाज किया जा रहा है, जिसमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इस घटना के बाद कंपनी के कर्मचारियों के साथ-साथ इलाके में रहने वाले लोगों में चिंता फैल गई है। घटना के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड, फैक्ट्री इंस्पेक्टर, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) और पुलिस बल के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने फैक्ट्री का जायजा लिया और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। फैक्ट्री में गैस लीक कैसे हुआ, इसके पीछे की वजह क्या रही, पुलिस ने इस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अपनी जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रवि मोहन सैनी ने बताया कि फैक्टरी में जब तेजाब को टैंक में डाला जा रहा था, तब नौ श्रमिकों ने जहरीला धुआं अंदर ले लिया। उन्होंने बताया, “पुलिस को पूर्वाह्न करीब 10:30 बजे सूचना मिली कि नारोल की एक फैक्टरी में जहरीली गैस के रिसाव के कारण नौ लोग प्रभावित हुए हैं और उन्हें एलजी अस्पताल ले जाया गया, जहां दो की मौत हो गई।” उन्होंने बताया कि सात श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से चार की हालत गंभीर है और उनका आईसीयू में इलाज किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि छपाई और रंगाई के काम में इस्तेमाल होने वाले तेजाब को टैंक में डाला जा रहा था, तभी आसपास के श्रमिक प्रभावित हुए। अधिकारी ने बताया कि पुलिस, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल), औद्योगिक सुरक्षा और गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) के अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और सटीक कारण पता लगाने में जुट गई। उन्होंने बताया कि औद्योगिक सुरक्षा और एफएसएल अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि फैक्टरी ने अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) आदि के संबंध में उचित प्रक्रियाओं का पालन किया है या नहीं और अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई किया जाएगा।
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