सरकार-ट्विटर तकरार! कंपनी के अधिकारियों की संसदीय समिति के सामने पेशी आज, पूछे जाएंगे ये सवाल

गुरुवार को केंद्र सरकार ने आईटी नियमों का पालन नहीं करने को लेकर ट्विटर कंपनी से कानूनी संरक्षण छीन लिया था। आईटी को लेकर गठित स्थाई समिति इस दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को लेकर सवाल-जवाब करेगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच शुरू हुई तनातनी बढ़ती हीी जा रही है। आज ट्विटर के अधिकारियों को संसदीय समिति द्वारा पेश होने के लिए समन जारी किया गया है। गौरतलब है कि गुरुवार को केंद्र सरकार ने आईटी नियमों का पालन नहीं करने को लेकर ट्विटर कंपनी से कानूनी संरक्षण छीन लिया था। आईटी को लेकर गठित स्थाई समिति इस दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को लेकर सवाल-जवाब करेगी।

बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल से बचने को लेकर भी इस बैठक में जानकारी मांगी जाएगी। बता दें, कि नए आईटी कानून को लागू करने में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई वाली कमेटी ने फेसबुक, ट्विटर समेत कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को तलब किया था।

इसके अलावा गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग की दाढ़ी काटने की घटना में भड़काऊ वीडियो ट्रेंड होने को लेकर पुलिस ने ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को नोटिस भेजा है जिसमें कहा गया है कि उन्हें सात दिन के अंदर लोनी बॉर्डर थाने में अपना बयान दर्ज कराना होगा। नोटिस जांच अधिकारी की ओर से जारी किया गया है। यह मुंबई स्थित कार्यालय के पते पर भेजा गया है। 

वहीं भड़काऊ वीडियो ट्रेंड होने को लेकर पुलिस ने ट्विटर के मुख्यालय को भी एक नोटिस भेजा है। पुलिस ने धार्मिक उन्माद फैलाने के केस में नामजद किए गए आरोपियों की जानकारी मांगी है। साथ ही आपत्तिजनक ट्वीट को री-ट्वीट करने वाले लोगों की सूची उपलब्ध कराने भी कहा है। ऐसा पहली बार नहीं है जब ट्विटर और केंद्र आमने सामने आए हो। इससे पहले किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने कई अकाउंट को बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन ट्विटर ने बोलने की आजादी का हवाला देते हुए सरकार का आदेश मानने से इनकार कर दिया। जिसके बाद सरकार ने ट्विटर पर नए नियम लागू करने को कहा, लेकिन यहां भी कंपनी ने सरकार के नए नियम लागू करने में कई खामियों का जिक्र करते हुए तीन महीनों का वक्त मांगा।

हालांकि तीन महीने की अवधि खत्म होने के बाद भी कंपनी की ओर से आदेश का पालन नहीं किया गया। इसके अलावा फरवरी में ट्विटर के फाउंडर जैक डोर्सी ने किसान अंदोलन का समर्थन करने वाले ट्वीट्स को लाइक किया था। सरकार ने इस प्लेटफॉर्म की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए थे।

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