उत्तर प्रदेश में ट्रक ड्राइवरों का आंदोलन जारी, ईंधन, पेट्रोल और डीजल की भारी कमी
सहारनपुर के कई हिस्से मंगलवार को ईंधन, पेट्रोल और डीजल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं, और कुछ स्थानों पर यह समाप्त हो गया है। जिसके चलते पेट्रोल पंप को बंद कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस चालक सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आंदोलन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा, जिससे पेट्रोल, रसोई गैस की आपूर्ति बुरी तरह बाधित हुई।
जिले में पेट्रोल और रसोई गैस ले जाने वाले हजारों ट्रक राष्ट्रीय, अंतर-राज्य या राज्य राजमार्गों पर विभिन्न स्थानों पर फंसे रहे और शहर में नहीं पहुंच सके। सहारनपुर के कई हिस्से मंगलवार को ईंधन, पेट्रोल और डीजल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं, और कुछ स्थानों पर यह समाप्त हो गया है। जिसके चलते पेट्रोल पंप को बंद कर दिया गया।
गैस एजेंसियों पर भी सिलेंडर खत्म होने के बोर्ड लगा दिए गए हैं। इससे वाहन मालिक चिंता में हैं और उपभोक्ताओं के बीच भी चर्चा शुरु हो गई है, क्योंकि सब्जियों, फलों और खाद्यान्न या आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और कीमतें बढ़ सकती हैं।
विभिन्न पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। फ्यूल टैंकर ड्राइवर्स भी नए एमवी अधिनियम के विरोध में आंदोलन में शामिल हो गए हैं, जिसमें हिट-एंड-रन दुर्घटना मामलों के लिए 10 साल की जेल की कड़ी सजा और 7 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
ट्रांसपोटर्स की इस विरोध और हड़ताल के कारण आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिला ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के मोहम्मद आबिद ने कहा कि ड्राइवर और कंडक्टर यूनियन के बैनर तले ट्रक चालक हड़ताल पर हैं। सरकार ने 10 साल की सजा और 7 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान वापस नहीं लिया तो मजबूरन हड़ताल करनी होगी।
वाहनों के चक्का जाम से सहारनपुर जिले में ट्रांसपोर्ट पर 40 से 50 प्रतिशत असर पड़ा। जबकि, रोडवेज बसों के पहिए थमने से 80 लाख रुपए का रोजाना नुक़सान हो रहा है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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