बाइक बोट घोटाले में उत्तर प्रदेश के 5 शहरों में एक साथ की गई छापेमारी,178 बाइक्स बरामद
उत्तर प्रदेश आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने राज्य के पांच शहरों में छापे मारे हैं और एक कथित घोटाले की जांच के तहत कम से कम 178 बिना इस्तेमाल मोटरसाइकिलों को जब्त किया है। ये बाइक टैक्सी ग्रेटर नोएडा से एक 'बाइक बॉट' पोंजी स्कीम में मंगाई गई थीं।
उत्तर प्रदेश आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने राज्य के पांच शहरों में छापे मारे हैं और एक कथित घोटाले की जांच के तहत कम से कम 178 बिना इस्तेमाल मोटरसाइकिलों को जब्त किया है। ये बाइक टैक्सी ग्रेटर नोएडा से एक 'बाइक बॉट' पोंजी स्कीम में मंगाई गई थीं। गार्विट इनोवेटिव प्रमोटरों और कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने पूरे देश में दो लाख से अधिक निवेशकों को धोखा दिया था।
यह मामला इस साल फरवरी में पुलिस से ईओडब्ल्यू को स्थानांतरित कर दिया गया था। यह छापेमारी सोमवार को मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, बागपत और हापुड़ में शुरू हुई।अतिरिक्त महानिदेशक (मेरठ जोन) राजीव सभरवाल ने कहा, "आर्थिक अपराध शाखा ने मेरठ जोन के पांच जिलों में छापे मारे। प्रत्येक जिले में हमारी स्थानीय टीमों ने अपने ऑपरेशन में ईओडब्ल्यू की निगरानी की और गार्विट इनोवेटिव प्रमोटरों के नाम पर पंजीकृत की गईं 178 बाइकें जब्त की गई हैं।" उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह के और छापे और जब्ती संभव हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ईओडब्ल्यू) राम सुरेश यादव ने कहा, "पहले से ही जब्त किए गए दस्तावेजों के विवरण के आधार पर, हमने विभिन्न जिलों में कंपनी के एजेंटों पर नजर रखी। पांच टीमों का गठन किया गया और पांच जिलों में एक साथ छापे मारे गए। हम निकट भविष्य में इस तरह की और वसूली करने की उम्मीद करते हैं।"
सूत्रों के अनुसार, मुजफ्फरनगर से 50, गाजियाबाद से 72, हापुड़ से 22, मेरठ से 21 और बागपत से 50 मोटरसाइकिलें बरामद की गईं हैं। उनमें से अधिकांश उपयोग में नहीं लाई गईं थीं और उन्हें गोदाम में पार्क किया गया था। ग्रेटर नोएडा में 2018 में शुरू की गई 'बाइक बॉट' योजना ने बड़े शहरों में टैक्सियों की बढ़ती मांग का फायदा उठाया था।
कंपनी ने कथित रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सहित कई राज्यों में दो लाख से अधिक निवेशकों से 1300-करोड़ रुपये एकत्र किए और एक साल के अंदर दोहरा फायदा देने का वादा किया।
सोमवार को मारे गए छापे इस घोटाले की चल रही जांच का हिस्सा था जिसमें 19 आरोपियों के खिलाफ 57 मामले दर्ज किए गए हैं। फर्म के मालिक संजय भाटी समेत 19 आरोपियों में से दस अभी जेल में हैं।
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