गुजरात में मूसलाधार बारिश-बाढ़ से कोहराम! अब तक 26 लोगों की मौत, हजारों लोगों को बचाया गया, सेना ने संभाला मोर्चा

वडोदरा में बारिश थमने के बावजूद, शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी के अपने तटों को तोड़कर आवासीय इलाकों में प्रवेश कर जाने से निचले इलाकों में जलजमाव हो गया और इमारतें, सड़कें और वाहन पानी में डूब गए हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

गुजरात के कई जिलों में मूसलाधार बारिश और बाढ़ से चारों तरफ तबाही का मंजर है। अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में से 17,800 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जान गंवाने वालों में वे सात लोग शामिल हैं जो रविवार को मोरबी जिले के हलवद तालुका के धवना गांव के पास एक पुल को पार करते समय एक ट्रैक्टर ट्रॉली के बह जाने के बाद लापता हो गए थे। इस पुल से होकर पानी बह रहा था। उन्होंने बताया कि उनके शव बरामद कर लिए गए हैं।

वडोदरा में बारिश थमने के बावजूद, शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी के अपने तटों को तोड़कर आवासीय इलाकों में प्रवेश कर जाने से निचले इलाकों में जलजमाव हो गया और इमारतें, सड़कें और वाहन पानी में डूब गए हैं।

गुजरात के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी रहने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातचीत करके स्थिति का जायजा लिया और इस संकट से निपटने के लिए राज्य को केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।


बुधवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट और पोरबंदर जैसे जिलों में शाम 6 बजे तक 12 घंटे की अवधि में 50 मिलीमीटर से लेकर 200 मिलीमीटर तक बारिश हुई। इस अवधि के दौरान देवभूमि द्वारका जिले के भानवद तालुका में 185 मिलीमीटर बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है।

अभी भी गुजरात के लोगों को राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। मौसम विभाग ने आज सौराष्ट्र के जिलों के अलग-अलग हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान जताया है।

अधिकारियों ने बताया कि वडोदरा शहर में अपने घरों और छतों में फंसे लोगों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), और सेना की तीन टुकड़ियों ने निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वडोदरा में अब तक 5,000 से अधिक लोगों को निकाला गया और 1,200 अन्य लोगों को बचाया गया है। बुधवार को शहर में सेना की तीन अतिरिक्त टुकड़ियां और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टुकड़ियां तैनात की गईं।


मुख्यमंत्री पटेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ का पानी कम होते ही वडोदरा शहर में सफाई उपकरण तैनात किए जाएं और कीटाणुनाशक का छिड़काव किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि इस उद्देश्य के लिए अहमदाबाद और सूरत के नगर निगमों और भरूच और आणंद की नगर पालिकाओं से टीमों को वडोदरा में तैनात किया जाए।

मुख्यमंत्री ने वडोदरा में बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता के लिए एनडीआरएफ की पांच अतिरिक्त टीमों और सेना की चार टुकड़ियों को तैनात करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद और सूरत से बाढ़ प्रभावित शहर में अतिरिक्त बचाव नौकाएं भी भेजी जानी चाहिए।

अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बारिश से तबाह हुए इलाकों में बचाव और राहत अभियान चला रहे हैं, जिसमें अब तक करीब 17,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है और 2,000 लोगों को बचाया गया है।

पिछले तीन दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 26 लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें राजकोट, आणंद, महिसागर, खेड़ा, अहमदाबाद, मोरबी, जूनागढ़ और भरूच जिलों से हुई हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंगलवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में दीवार गिरने और डूबने जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई थी।


पुलिस अधीक्षक (एसपी) राहुल त्रिपाठी ने बताया कि बचाव दल को सात लोगों के शव मिले हैं, जो रविवार को मोरबी जिले के धवना गांव के पास एक पुल को पार करते समय ट्रैक्टर ट्रॉली के बह जाने के बाद लापता हो गए थे। मोरबी के अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र सिंह जडेजा ने बताया कि इनमें से तीन शव मंगलवार को और चार बुधवार को मिले, एक व्यक्ति अभी भी लापता है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने कहा कि नवीनतम बारिश के साथ, गुजरात में अब तक औसत वार्षिक वर्षा का 105 प्रतिशत हुई है। एसईओसी के आंकड़े से पता चलता है कि बुधवार सुबह 6 बजे समाप्त 24 घंटे की अवधि में सौराष्ट्र के कई जिलों, विशेष रूप से देवभूमि द्वारका, जामनगर, पोरबंदर और राजकोट में बहुत भारी बारिश हुई।

इस अवधि के दौरान देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुका में 454 मिलीमीटर बारिश हुई, इसके बाद जामनगर शहर (387 मिमी) और जामनगर में जामजोधपुर तालुका (329 मिमी) का स्थान रहा। इस अवधि के दौरान राज्य के 251 तालुकाओं में से 13 में 200 मिलीमीटर से अधिक और अन्य 39 में 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई।

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में 140 जलाशय, बांध और 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बारिश के कारण यातायात और रेलगाड़ियों की आवाजाही भी बाधित हुई है, क्योंकि सड़कें और रेलवे लाइन जलमग्न हो गई हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि 206 बांधों में से 122 को उनके जलस्तर में तेज वृद्धि के कारण हाई अलर्ट पर रखा गया है।

पश्चिमी रेलवे के अहमदाबाद मंडल ने कहा कि 48 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, 14 आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं और छह को बीच में ही रोक दिया गया। उसने कहा कि अन्य 23 रेलगाड़ियों का मार्ग परिवर्तन किया गया।        

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