सरकार के अड़ियल रुख के कारण आज की बैठक भी बेनतीजा खत्म, अब 8 जनवरी को फिर होगी अगली वार्ता
आज की बैठक के दौरान सरकार ने एक बार फिर एमएसपी पर लिखित आश्वासन और तीनों कृषि कानूनों पर एक संयुक्त कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया, जिसे किसान नेताओं ने सिरे से खारिज कर दिया और कानूनोंं की वापसी की मांग पर कायम रहे।
मोदी सरकार के कृषि कानूनों पर किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध का आज की बैठक में भी कोई नतीजा नहीं निकल सका। कृषि कानूनों पर सरकार के अड़ियल रुख के कारण सरकार और किसानों के बीच आज हुई सातवें दौर की बैठक भी बातचीत खत्म हो गई है। अब एक बार फिर इस मसले पर दोनों पक्षों के बीच 8 जनवरी को अगली वार्ता होगी।
मिली जानकारी के अनुसार आज की बैठक में सरकार ने एक बार फिर तीनों कानूनों को रद्द करने पर एक संयुक्त कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया, जिस पर किसान नेता तैयार नहीं हुए और कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े रहे। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम चाहते थे कि किसान संगठन तीनों कानूनों पर चर्चा करें। लेकिन हम किसी भी समाधान तक नहीं पहुंच सके क्योंकि किसान संगठन कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहे। मुझे आशा है कि अगली बैठक के दौरान हम एक सार्थक चर्चा करेंगे और एक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
सरकार के मंत्रियों के साथ आज की बैठक बेनतीजा खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 जनवरी 2021 को सरकार के साथ फिर से बातचीत होगी। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने और एमएसपी के मुद्दे पर 8 तारीख को फिर से बात होगी। उन्होंने कहा कि हमने सरकार को बता दिया है कानून वापसी नहीं तो घर वापसी भी नहीं।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के युधवीर सिंह ने कहा कि मंत्री चाहते थे कि हम कानून-वार चर्चा करें। हमने इसे खारिज कर दिया और कहा कि कानूनों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि हम पूरी तरह से कानूनों की वापसी चाहते हैं। सरकार हमें संशोधन की ओर ले जाने का इरादा रखती है, लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
आज की बैठक के खत्म होने के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि सरकार काफी दबाव में है। हम सभी ने कहा कि कानूनों को निरस्त करना हमारी मांग है। हम कानूनों को निरस्त करने के अलावा किसी अन्य विषय पर चर्चा नहीं चाहते हैं। कानूनों को निरस्त करने तक विरोध वापस नहीं लिया जाएगा।
गौरतलब है कि केंद्र के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 40 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार और किसानों के बीच अब तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है। पिछली वार्ता में सरकार बिजली बिल और पराली जलाने के मुद्दे पर किसानों की मांग मान गई थी, लेकिन एमएसपी और विवादित तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर कोई फैसला नहीं हुआ था। किसानों ने आज की बैठक से पहले साफ कर दिया था कि अगली मीटिंग सिर्फ इस चर्चा के लिए हो सकती है कि बिलों को रद्द करने की प्रक्रिया क्या होगी? लेकिन आज की बैठक में भी कोई फैसला नहीं हुआ।
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Published: 04 Jan 2021, 7:04 PM