NEET मामले में अपनी गलती छिपाने के लिए लाखों बच्चों की उम्मीदों को खत्म कर रहा है केंद्र: अशोक गहलोत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहा कि अपनी गलती मानकर उसमें सुधार करना लोकतंत्र की खासियत है। क्या केन्द्र सरकार नीट परीक्षा के मामले में मेहनती विद्यार्थियों का हक मारना चाहती है और अपनी गलती छुपाने के लिए लाखों बच्चों की आशाओं को हमेशा के लिए खत्म कर रही है।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित अनियमितताओं के मामले में अपनी गलती छुपाने के लिए लाखों बच्चों की आशाओं को खत्म कर रही है। गहलोत ने सवाल किया कि अनियमितताएं हुईं हैं तो पहली परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा करवाने में क्यों देरी की जा रही है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने इस मुद्दे को लेकर 'एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार पिछले 10 साल से हर जरूरी मुद्दे पर मौन साधकर उस मुद्दे के जनस्मृति से गायब होने का इंतजार करती है। ऐसा ही ये अब नीट परीक्षा के मुद्दे पर कर रहे हैं।’’
अशोक गहलोत ने लिखा,‘‘ जब जांच एजेंसियों ने मान लिया कि पेपर लीक हुआ है, एनटीए में अनियमितताएं हुईं हैं तो पहली परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा करवाने में क्यों देरी की जा रही है? मीडिया में भी इस मुद्दे को दबा सा दिया गया है।’’ गहलोत ने कहा, ‘‘हमारी सरकार के दौरान 26 लाख अभ्यर्थियों वाली रीट परीक्षा में अनियमितता सामने आने पर हमने परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा करवाया और 50,000 बच्चों को नौकरी दी।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘‘अपनी गलती मानकर उसमें सुधार करना लोकतंत्र की खासियत है। क्या केन्द्र सरकार नीट परीक्षा के मामले में मेहनती विद्यार्थियों का हक मारना चाहती है और अपनी गलती छुपाने के लिए लाखों बच्चों की आशाओं को हमेशा के लिए खत्म कर रही है।’’
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