TMC नेताओं ने मंत्री के नहीं मिलने पर कृषि भवन के अंदर दिया धरना, पुलिस ने बलपूर्वक हिरासत में लिया

टीएमसी महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि हम अपने डेलीगेशन के साथ शाम छह बजे कृषि भवन पहुंच गए थे। लेकिन 90 मिनट के इंतजार के बाद साध्वी निरंजन ज्योति की ओर से मुलाकात से इनकार कर दिया गया।

TMC नेताओं ने मंत्री के नहीं मिलने पर कृषि भवन के अंदर दिया धरना, पुलिस ने बलपूर्वक हिरासत में लिया
TMC नेताओं ने मंत्री के नहीं मिलने पर कृषि भवन के अंदर दिया धरना, पुलिस ने बलपूर्वक हिरासत में लिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली में कृषि भवन के अंदर ग्रामीण विकास मंत्रालय के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने पहुंचे टीएमसी नेता उस समय कृषि भवन के अंदर ही धरने पर बैठ गए, जब मंत्री ने काफी देर तक इंतेजार कराने के बाद उनसे मिलने से इनकार कर दिया।

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने इसे लेकर कहा कि आज शाम 6 बजे हमारा केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने का कार्यक्रम था, हमने 90 मिनट तक इंतजार किया, जिसके बाद हमें बताया गया कि वह हमसे नहीं मिल पाएंगी। लेकिन आज शाम 4 बजे वह सुवेंदु अधिकारी से मिलीं, लेकिन हमें यहीं इंतजार कराया गया। अगर वह हमसे नहीं मिलना चाहती तो ठीक है, लेकिन हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे, यहीं बैठे रहेंगे।

दिल्ली में ग्रामीण विकास मंत्रालय के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे टीएमसी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इन नेताओं का कहना है कि केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने उन्हें शाम 6:30 बजे मिलने का समय दिया था, लेकिन वह नहीं मिलीं, जिसके बाद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी का डेलीगेशन धरने पर बैठ गया। इन नेताओं का कहना था कि जब तक केंद्रीय मंत्री उनसे मुलाकात नहीं करेंगी, तब तक वो वहां से नहीं उठेंगे।


इस बीच साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा है कि उन्होंने टीएमसी सांसदों से मुलाकात के लिए ढाई घंटे इंतजार किया। उन्होंने कहा कि आज ढाई घंटे का समय व्यर्थ गया। आज तृणमूल के सांसदों की प्रतीक्षा करते करते साढ़े आठ बजे कार्यालय से निकली हूं। मेरी जानकारी के अनुसार तृणमूल के सांसद और बंगाल के मंत्रियों के डेलीगेशन ने कार्यालय में 6 बजे मिलने का समय लिया था। लेकिन बाद में वे तृणमूल के कार्यकर्ताओं को जनता बताकर मिलना चाह रहे थे, जो कि कार्यालय की व्यवस्था के विरुद्ध था। संबंधित भेंट के तय विषयों से वे पीछे हट गए क्योंकि उनका उद्देश्य भेंट करना नहीं था, उनकी मंशा राजनीति करने की थी। तृणमूल नेताओं द्वारा की गई यह अत्यंत शर्मनाक घटना है।

वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्रीय मंत्री के दावे को झूठ बताते हुए कहा कि आप झूठ बोल रही हैं। आपने हमारे प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय दिया। आपने सभी नामों की जांच की, हमें प्रवेश की अनुमति देने से पहले हर एक की जांच की। हमें 3 घंटे तक इंतज़ार कराया और फिर पीछे के दरवाजे से भाग गईं। मोइत्रा ने आरोप लगाया कि हम सभी को क्वींसवे कैंप में हिरासत में रखा गया है। महिला सांसदों को सूर्यास्त के बाद पुलिस लाइन में रखा गया। कोई कागजी कार्रवाई नहीं।


इससे एक दिन पहले पश्चिम बंगाल से मनरेगा वर्कर्स और कार्यकर्ताओं को लेकर दिल्ली आए टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उन्हें मिलने समय नहीं दिया। उसके बाद केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की ओर से मिलने का समय दिया गया, लेकिन अब उन्होंने भी मुलाकात नहीं की है। बनर्जी ने कहा कि हमारे पास केवल दो रास्ते हैं। पहला- नरेंद्र मोदी, अमित शाह के सामने सरेंडर करना और अपना बकाया पैसा मांगना। जबकि दूसरा है प्रतिरोध का रास्ता।

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