अमेठीः स्मृति ईरानी के करीबी की हत्या का मामला सुलझा, पुरानी रंजिश में जान लेने के आरोप में 3 गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्मृति ईरानी के करीबी बीजेपी नेता सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने पांच नामजद आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस के अनुसार सुरेंद्र सिंह की हत्या चुनावी रंजिश में नहीं हुई।
उत्तर प्रदेश के अमेठी की नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी के करीबी रहे बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने इस मामले में पांच नामजद आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं। पुलिस के अनुसार सुरेंद्र सिंह की हत्या चुनावी रंजिश में नहीं हुई।
अमेठी के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि इस मामले में पांच लोगों को हत्या और आपराधिक साजिश का आरोपी बनाया गया है। इसमें से बीडीसी रामचन्द्र, धर्मनाथ और नसीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जबकि शेष दो आरोपियों की तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक 315 बोर का कट्टा और खून लगी एक तलवार भी बरामद हुई है।
पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के मुताबिक, "सुरेंद्र सिंह की हत्या चुनावी रंजिश में नहीं हुई है। पूर्व प्रधान के साथ आरोपितों की पुरानी रंजिश थी। इससे पहले भी मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि, फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं, उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके साथ ही घटना के सभी कारणों का पता लगाया जाएगा।"
गौरतलब है कि अमेठी में शनिवार (25 मई) देर रात स्मृति ईरानी के करीबी बीजेपी नेता और पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अगले दिन यानी 26 मई की शाम दिवंगत पूर्व प्रधान के बड़े भाई नरेंद्र सिंह की तहरीर पर जामो पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इसके तहत पुलिस ने वसीम, नसीम, गोलू सिंह, रामचंद्र बीडीसी, रामनाथ गुप्ता के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया था।
सुरेंद्र सिंह की हत्या की घटना के बाद नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी दिल्ली से अमेठी पहुंची थीं और उन्होंने सुरेंद्र सिंह की अर्थी को कंधा भी दिया। हालांकि सुरेंद्र सिंह की हत्या को उनके परिजनों ने राजनीतिक रंजिश करार दिया था। सिंह के बेटे अभय सिंह ने कहा, "मेरे पिता स्मृति ईरानी के करीबी सहयोगी थे और लगातार प्रचार करते थे। सांसद बनने के बाद विजय यात्रा निकाली गई। मुझे लगता है कि कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया, हमें कुछ लोगों पर संदेह है।" लेकिन पुलिस जांच में किसी राजनीतिक रंजिश की बात सामने नहीं आई है।
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Published: 27 May 2019, 10:30 PM