हजारों सत्याग्रहियों का दिल्ली कूच जारी, शनिवार को मुरैना में राहुल गांधी भी होंगे शामिल
मध्य प्रदेश के ग्वालियर से दिल्ली की ओर बढ़ रहे हजारों भूमिहीन सत्याग्रहियों का दिल्ली कूच जारी है। शनिवार को मुरैना में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी सत्याग्रहियों के बीच पहुंचकर उनके आंदोलन को अपना समर्थन देंगे।
भूमि अधिकार समेत कई अधिकारों की मांग को लेकर 25 हजार से भी ज्यादा सत्याग्रही मध्य प्रदेश के ग्वालियर से दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। गुरुवार को ग्वालियर से दिल्ली के लिए शुरू हुए सत्याग्रहियों के मार्च ने पहले दिन 19 किलोमीटर का रास्ता तय किया और सुसेराकोठी और बुरवां गांव के बीच रात गुजारी। शुक्रवार की सुबह यह कारवां फिर से अपनी मंजिल की ओर बढ़ चला है। शनिवार को भूमिहीनों के मुरैना पहुंचने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इनके बीच पहुंचने की खबर है। बताया जा रहा है कि शनिवार को एक दिन के मध्यप्रदेश दौरे पर आ रहे राहुल गांधी सत्याग्रहियों के बीच जाकर उनके आंदोलन को अपना समर्थन देंगे।
इससे पहले 3 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक ने सत्याग्रहियों के बीच पहुंचकर उन्हें मनाने की कोशिश की और उनकी बात केंद्र सरकार औऱ प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाने का वाद किया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी उन्हें एक पत्र भेजकर केंद्र सरकार द्वारा भूमिहीनों के लिए किये जा रहे कामों का ब्योरा देकर उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन उसके बाद भी सत्याग्रही अपने दिल्ली कूच के फैसले को त्यागने के लिए तैयार नहीं हुए।
एकता परिषद और सहयोगी संगठनों के आह्वान पर हजारों भूमिहीनों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर जनांदोलन 2018 शुरू किया है। इनकी मांग है कि आवासीय कृषि भूमि अधिकार कानून, महिला कृषक हकदारी कानून (वुमन फार्मर राइट एक्ट), जमीन के लंबित मामलों के निपटारे के लिए न्यायालयों का गठन किया जाए, राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति की घोषणा और उसका क्रियान्वयन, वनाधिकार कानून 2006 व पंचायत अधिनियम 1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर निगरानी समिति बनाई जाए।
आगरा-मुंबई मार्ग पर दिल्ली की ओर बढ़ते हजारों भूमिहीन आने वाले दिनों में केंद्र और राज्य सरकार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। यह सत्याग्रही दो दिनों से ग्वालियर के मेला मैदान में डेरा डाले हुए थे। जहां 2 और 3 अक्टूबर को विचार-मंथन के बाद वे 4 अक्टूबर को दिल्ली के लिए पैदल निकल पड़े। इस आंदोलन की अगुवाई पी वी राजगोपाल, जलपुरुष राजेंद्र सिंह, गांधीवादी सुब्बाराव आदि कर रहे हैं।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia