कोरोना से जो मर गए, वे मुक्त हो गए, RSS प्रमुख ने महामारी पर दिया ‘पॉजिटिविटी’ का मंत्र

संघ ने ऐसे समय इस कार्यक्रम का आयोजन किया है, जब देश में कोरोना से बड़ी संख्या में लोगों की मौत से सरकार की भारी किरकिरी हो रही है। माना जा रहा है कि संघ के इस व्याख्यान का मकसद मोदी सरकार की अव्यवस्था से नाराज लोगों की धारणा को किसी और दिशा में मोड़ना है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज कोरोना संकट में सकारात्मकता का संदेश देते हुए कहा कि जिन लोगों की कोरोना से मौत हुई है, वह एक तरीके से मुक्त हो गए हैं। भागवत ने कहा कि समय कठिन है। असमय लोग चले गए। उनको ऐसे जाना नहीं चाहिए था, लेकिन अब तो कुछ किया नहीं जा सकता है। परिस्थिति में तो हम लोग हैं। अब जो लोग चले गए, वो एक तरह से मुक्त हो गए। उनको इस स्थिति का सामना नहीं करना है। हमें अब हम लोगों को सुरक्षित रखना है।

मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा ‘पॉजिटिविटी अनलिमिटेड’ शीर्षक से 11 मई से 15 मई तक आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान की एक श्रृंखला में आज पॉजिटिविटी का मंत्र दे रहे थे। संघ के इस व्याख्यान का उद्देश्य महामारी संकट के बीच लोगों में आत्मविश्वास और सकारात्मकता फैलाना है। इस व्याख्यान का आयोजन आरएसएस की कोविड रिस्पांस टीम द्वारा किया गया है, जिसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, विप्रो समूह के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी, आध्यात्मिक गुरू जग्गी वासुदेव प्रमुख वक्ता के तौर पर शामिल हैं।


शनिवार को अपने व्याख्यान में भागवत ने कहा, “कुछ नहीं हुआ, ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। यह परिस्थिति कठिन है। लेकिन हमें हमारे मन को नेगेटिव नहीं होने देना है। हमको अपने मन को पॉजिटिव रखना है और शरीर को कोरोना नेगेटिव रखना है। हमें दुख देखकर निराश नहीं होना है। खुद को कोरोना के आगे बेबस नहीं करना है। इस संकट में भी कई लोग ऐसे हैं जो कोरोना के खतरे में भी खुद को भुलाकर समाज की सेवा कर रहे हैं। हमें उनसे प्रेरणा लेनी है।”

गौरतलब है कि संघ ने ऐसे समय इस कार्यक्रम का आयोजन किया है, जब देश में कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की बड़ी संख्या में मौत से सरकार की भारी किरकिरी हो रही है। माना जा रहा है कि इस संघ के इस व्याख्यान का मकसद मोदी सरकार की अव्यवस्था से लोगों में पनप रहे गुस्से को किसी और दिशा में मोड़ना है। हाल में सरकार ने पॉजिटिव खबरों और उपलब्धियों के प्रभावी प्रचार के जरिये लोगों की धारणा बदलकर अपनी पॉजिटिव छवि बनाने के उद्देश्य से सरकारी अधिकारियों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया था, जिसमें प्रत्येक विभाग से मिलाकर लगभग 300 अधिकारियों ने भाग लिया था।


सरकार की इस तरह की कोशिशों को विपक्ष ने झूठा प्रचार बताया है। विपक्ष का कहना है कि जब देश महामारी की दूसरी लहर के चरम पर है, ऐसे में सरकार झूठा प्रचार करने पर जुटी हुई है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि पॉजिटिविटी फैलाने के नाम पर झूठ और प्रचार को आगे बढ़ाने का सरकार का यह प्रयास घृणित है। विपक्ष का कहना है कि चारों ओर फैली त्रासदियों के सामने पॉजिटिविटी फैलाने के नाम पर झूठ और प्रचार को बढ़ावा देने का सरकार का निरंतर प्रयास घृणित है।

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