हिंदुओं के खतरे में होने का दावा करने वाले मराठों को आरक्षण नहीं देने के लिए जिम्मेदार: जरांगे
जरांगे ने कहा कि अगर आप कहते हैं कि हिंदू मुश्किल में हैं तो मराठों की बेहतरी सुनिश्चित करना भी आपकी जिम्मेदारी है। जब हम आरक्षण मांगते हैं तो हिंदू हमारा विरोध करते हैं लेकिन जब उन्हें मुस्लिमों पर निशाना साधना होता है तो उन्हें मराठों की जरूरत पड़ती है।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि जो लोग यह दावा करते हैं कि हिंदू खतरे में हैं और उनकी एकता का आह्वान करते हैं, वे मराठों को आरक्षण नहीं दिये जाने के लिए जिम्मेदार हैं। जरांगे ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाता बीजेपी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन को करारी शिकस्त देने के लिए तैयार हैं।
महाराष्ट्र की ‘महायुति’ सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि उसके कारण समाज के हर वर्ग का हित प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि मराठा चुनाव में अपनी ताकत दिखाएंगे।मनोज जरांगे पाटिल (42) ने ‘पीटीआई’ के साथ एक साक्षात्कार में आरोप लगाया कि हिंदू एकता के लिए काम करने का दावा करने वाले लोगों ने मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए उनके समुदाय का इस्तेमाल किया है लेकिन उसकी जायज मांगों को नजरअंदाज किया है।
पाटिल ने मराठों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण की अपनी मांग के समर्थन में समुदाय के एक बड़े वर्ग का समर्थन जुटाया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप दावा करते हैं कि हिंदू खतरे में हैं तो मराठों का क्या? क्या आपको उनके बच्चों की परेशानियां नहीं दिखायी देतीं? अगर आप कहते हैं कि हिंदू मुश्किल में हैं तो मराठों की कुशलक्षेम सुनिश्चित करना भी आपकी ही जिम्मेदारी है। जब हम आरक्षण मांगते हैं तो हिंदू हमारा विरोध करते हैं लेकिन जब उन्हें मुस्लिमों पर निशाना साधना होता है तो उन्हें मराठों की जरूरत पड़ती है।’’
जरांगे बीजेपी के ‘‘बंटेंगे तो कटेंगे’’ और ‘‘एक हैं तो सेफ हैं’’ नारों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने पूछा कि हिंदुओं को कौन बांटेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में मराठा सबसे बड़ी हिंदू जाति है।उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने मुद्दे आपस में सुलझा लेंगे। हम छत्रपति (शिवाजी) के हिंदुत्व का पालन करते हैं। हम अपना ख्याल रख लेंगे, आप अपने काम से काम रखें।’’
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दिए बयानों में मनोज जरांगे पाटिल किसी भी पार्टी का सीधे नाम लेने से बचते रहे हैं लेकिन उनके समर्थकों के बीच यह माना जाता है कि वह मौजूदा सत्तारूढ़ गठबंधन खासतौर से बीजेपी के खिलाफ हैं। पाटिल ने कहा, ‘‘मराठा समुदाय अच्छी तरह समझता है कि किसे हराना है। उन्हें यह बात लोकसभा चुनाव के दौरान भी समझ में आई थी और अब भी समझ में आ गई है। कोई भ्रम नहीं है।’’
उन्होंने राज्य सरकार पर मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘आरक्षण के खिलाफ रहे लोगों को मराठा 100 प्रतिशत हरा देंगे।’’ महाराष्ट्र में विकास के लिए राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन को फिर से चुनने के लिए मतदाताओं से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने व्यंग्यात्मक ढंग से कहा कि समाज का हर वर्ग इतना खुश है कि मोदी को सत्तारूढ़ सरकार को ‘डबल-इंजन’ नहीं बल्कि ‘ट्रिपल-इंजन सरकार’ कहना चाहिए।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आखिरकार हर खेत सिंचित है और किसी भी किसान पर कर्ज नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को अपनी फसलों के लिए बेहतर दाम चाहिए और वे कर्ज से मुक्त होना चाहते हैं लेकिन यह सरकार उन्हें उनका हक नहीं देती। जरांगे ने कहा, ‘‘मराठा अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आरक्षण चाहते हैं, धनगर आरक्षण चाहते हैं, छोटे ओबीसी समुदाय भी हैं जो अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आरक्षण चाहते हैं। हर कोई गुस्से में है। हालात बहुत खराब हैं। लोग उन्हें सबक सिखाएंगे और चुनाव में परास्त करेंगे।’’ जरांगे ने कहा कि चाहे मुस्लिम हों, दलित हों या व्यापारी हों, सरकार ने सभी के हितों को नुकसान पहुंचाया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके आंदोलन ने समाज को विभाजित कर दिया है और इससे ओबीसी के बीच ध्रुवीकरण हो सकता है, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।उन्होंने कहा कि मराठा और ओबीसी गांवों में एक साथ रह रहे हैं और कोई मनमुटाव नहीं है। उन्होंने बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठों के हितों को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि वह सरकार को चला रहे हैं न कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे। शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अजित पवार और शिंदे पर उनके विचारों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर किसी ने मराठाओं की मदद नहीं की है।
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