हरियाणा चुनाव में BJP की राह में कांटे! टिकटों का ऐलान होते ही कई जिलों में सामूहिक इस्तीफे, सकते में हाईकमान

हरियाणा में बीजेपी में बगावत का का दौर जारी है। दुनिया की सबसे अनुशासित पार्टी होने का दंभ भरने वाली बीजेपी का हाईकमान सकते में है। इस बगावत में कैबिनेट मंत्री से लेकर, पूर्व मंत्री, विधायक, पार्टी के कई मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष और देश की सबसे धनी महिला सावित्री जिंदल तक शामिल हैं।

फोटो: Getty Images
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा बीजेपी में महाबगावत हो गई है। यह बगावत भी ऐसी है, जो हरियाणा के इतिहास में बीजेपी में कभी नहीं देखी गई। इसमें एक्शन, सस्पेंस, कॉमेडी, ड्रामा और थ्रिल सब कुछ है। राज्य का शायद ही कोई जिला होगा, जो इस बगावत से बचा होगा। हालत ऐसी हो गई है कि दुनिया की सबसे अनुशासित पार्टी होने का दंभ भरने वाली बीजेपी का हाईकमान सकते में है। इस बगावत में कैबिनेट मंत्री से लेकर, पूर्व मंत्री, विधायक, पार्टी के कई मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष और देश की सबसे धनी महिला सावित्री जिंदल तक शामिल हैं। कई स्थानीय इकाईयों ने तो सामूहिक इस्तीफे दे दिए हैं। वैसे इसे बगावत से ज्यादा पार्टी चलाने के तौर तरीकों के खिलाफ विस्फोट माना जा रहा है। इसे मोदी युग के ढलान पर होने की तस्दीक भी माना जा रहा है।     

हरियाणा में बीजेपी की 90 में से 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होते ही कुछ इस अंदाज में विस्फोट हुआ है मानो यह होना ही था। पार्टी जिस तानाशाही वाले अंदाज में चलाई जा रही थी, उसमें इसकी आशंका प्रबल थी। पार्टी के तमाम पदाधिकारियों ने तो प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होते ही रात में ही इस्तीफा दे दिया। बीजेपी को बड़ा झटका लगा जब देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने बगावत कर दी। बीजेपी से टिकट न मिलने के विरोध में उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। फॉर्च्यून इंडिया की सबसे अमीर लोगों की सूची के मुताबिक 74 वर्षीय सावित्री देवी जिंदल लगभग 2.77 लाख करोड़ रुपए की मालकिन हैं। सावित्री जिंदल की बगावत बीजेपी को कई लिहाज से भारी पड़ सकती है। उनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से बीजेपी के सांसद हैं। लोकसभा से बहुत से कम महज 240 सांसदों वाली बीजेपी के लिए एक-एक सांसद की कीमत बहुत बड़ी है। यह तथ्य है कि जिंदल परिवार काफी समय से विधान सभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। बीच में तो यह भी चर्चा चली थी कि सावित्री की जगह नवीन जिंदल की पत्नी शालू जिंदल भी चुनाव लड़ सकती हैं। जिंदल हाउस का हिसार में एक रसूख माना जाता है। अपने स्कूल और अस्पताल के माध्यम से जिंदल परिवार सामाजिक सेवा के क्षेत्र में सक्रिय होने के साथ हिसार में जिंदल इंडस्ट्रीज में तमाम स्थानीय लोगों को नौकरी भी मिली है। हिसार में एक बड़ा तबका है, जो चुनाव में जिंदल परिवार के इशारे का इंतजार करता है। बीजेपी के लिए परेशानी की बात यह है कि सावित्री जिंदल की बगावत को उनके सासंद बेटे नवीन जिंदल ने सही बताया है। नवीन जिंदल ने कहा है कि "मैं पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को सही मानता हूं, लेकिन मैं अपनी मां के फैसले का भी सम्मान करता हूं"। जिंदल ने कहा कि "मेरी मां के 4 बेटे और 5 बहनें हैं, हम कुल मिलाकर 9 भाई-बहन मां के साथ हैं। मां ने जो भी फैसला लिया है, मैं उसका सम्मान करता हूं और साथ भी दूंगा"।


वहीं, हिसार की उकलाना रिजर्व सीट से जेजेपी के पूर्व विधायक और मंत्री अनूप धानक को टिकट देने से नाराज शमशेर गिल और पूर्व उम्मीदवार सीमा गैबीपुर ने पार्टी छोड़ दी है। हिसार जिला उपाध्यक्ष तरूण जैन भी बागी हो गए हैं। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के खिलाफ बवाल मच गया है। गंगवा को हिसार के नलवा की जगह बरवाला से टिकट दिया गया है। इसके खिलाफ बीजेपी के जिला सचिव महंत महामंडलेश्वर दर्शन गिरी ने पार्टी छोड़ दी है। गंगवा को टिकट के विरोध में पूरी बरवाला बीजेपी इकाई पत्र लिख चुकी है।

सोनीपत से टिकट कटने पर पूर्व मंत्री कविता जैन व उनके पति राजीव जैन के समर्थक बगावत पर उतर आए हैं। रात में ही उनके समर्थन में नगर निगम में पार्षद पत्नी के साथ जिला उपाध्यक्ष संजीव वलेचा, भाजपा महिला प्रदेश सचिव इंदू वलेचा, मंडल अध्यक्ष मुकेश बतरा और बीजेपी पूर्वांचल प्रकोष्ठ प्रदेश सह-संयोजक संजय ठेकेदार सहित अनेक पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शन में पूर्व सीएम मनोहर लाल के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। कविता जैन ने बीजेपी हाईकमान को 8 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। समथर्कों के बीच कविता जैन रो भी पड़ीं। उन्होंने चुनौती दी है कि सोनीपत की जनता टिकट पाने वाले निखिल मदान औप बीजेपी दोनों से हिसाब लेगी। कविता जैन बीजेपी की उस वक्त की साथी हैं जब हरियाणा में उसके सिर्फ 4 विधायक हुआ करते थे।

सोनीपत जिले की गोहाना सीट से रोहतक लोस में दीपेंद्र हुड्डा से हारे पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को टिकट मलने पर उनके खिलाफ लावा फूट रहा है। बीजेपी कार्यकर्ता अरविंद शर्मा का पुतला भी फूंक चुके हैं। कुछ नेता विरोध करने के लिए दिल्ली हरियाणा बीजेपी के इंचार्ज केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर तक जा चुके हैं। सोनीपत के गन्नौर में  बीजेपी की वर्तमान विधायक निर्मल चौधरी पर लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी रहे प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की मुखालफत करने का आरोप लग चुका है। यहां भी घमासान है।

फतेहाबाद की रतिया विधानसभा से बीजेपी विधायक लक्ष्मण नापा ने टिकट कटने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। रतिया से लक्ष्मण नापा की जगह पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को टिकट दी गई है। लक्ष्मण नापा ने हलके के 22 सरपंचों, ब्लॉक समिति चेयरमैन प्रतिनिधि गुरतेज सिंह और वॉइस चेयरमैन कुलदीप सिंह मानक के साथ कांग्रेस ज्वाइन कर ली है।

करनाल जिले की इंद्री विधानसभा से 2014 में विधायक और हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले एवं वन विभाग के पूर्व राज्यमंत्री रहे कर्णदेव कांबोज ने टिकट कटने पर इस्तीफा देने के साथ गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाली पार्टी नहीं रही। अब पार्टी में नुकसान पहुंचाने वाले गद्दारों को तवज्जो दी जा रही है। वर्तमान में वह बीजेपी ओबीसी मोर्चा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष थे। बीजेपी में सभी पदों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। साथ ही निदर्लीय चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। कांबोज को मनाने पहुंचे सीएम नायब सिंह सैनी से उन्होंने हाथ तक नहीं मिलाया।


पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के बेटे बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने लिस्ट जारी होने के तत्काल बाद पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा है कि 8 सितंबर को रानियां में बड़ा रोड शो निकालकर बीजेपी को अपनी ताकत का एहसास करवाएंगे। हिसार से बीजेपी के टिकट पर लड़े लोस चुनाव हारने के बाद वह सिरसा की रानियां सीट से टिकट मांग रहे थे। रानियां से ही वह 2019 में निदर्लीय विधायक चुने गए थे। रणजीत चौटाला इससे पहले भी बीजेपी को खुला चैलेंज दे चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि रानियां से बीजेपी मुझे टिकट देती है तो ठीक, वर्ना बीजेपी अपना देख ले। मैं रानियां से चुनाव जरूर लड़ूंगा और जीतूंगा भी। मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर मेरा अपना जनाधार है। निदर्लीय विधायकों को एकजुट कर बीजेपी सरकार चलाने में रणजीत सिंह चौटाला की बड़ी भूमिका रही है। सिरसा की डबवाली विस से टिकट के दावेदार आदित्य चौटाला ने भी बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर दिया। साथ ही उन्होंने हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन पद से भी इस्तीफा दे दिया है। आदित्य चौटाला चौधरी देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के पुत्र हैं। वह सिरसा जिले में पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। जनवरी 2016 में हुए पंचायत चुनाव में आदित्य चौटाला सिरसा जिला परिषद के जोन चार से जिला पार्षद बने थे। उन्होंने अपनी भाभी अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला को हराया था। तब से बीजेपी की आदित्य पर नजर थी।

गुरुग्राम जिले की सोहना विस से विधायक और राज्य सरकार में खेल राज्य मंत्री संजय सिंह भी टिकट कटने से भड़क गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि सोहना से बीजेपी का टिकट पाने वाले तेजपाल तंवर का टिकट 2019 में भ्रष्टाचार को लेकर काटा गया था। संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी में बाहर से आने वाले उम्मीदवारों व भू-माफियाओं को स्थान दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर पर भी उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे हरियाणा में बीजेपी ने राजपूत समाज के साथ धोखा किया है। संजय सिंह राजपूत हैं। राजपूत पहले से ही बीजेपी से नाराज चल रहे हैं। संजय सिंह का टिकट कटने खिलाफ एक बार फिर राजपूत समाज सड़क पर उतर आया है। महेंद्रगढ़ और कुरुक्षेत्र में राजपूत समाज के लागों ने पीएम मोदी और सीएम के पुतले फूंके हैं। गुरुग्राम से मुकेश शर्मा को टिकट देने के खिलाफ नवीन गोयल ने निदर्लीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उनके साथ 3 दर्जन पदाधिकारियों ने इस्ताफा दे दिया है।   

कुरुक्षेत्र की शाहबाद विधानसभा से 2019 में चुनाव लड़े पूर्व राज्यमंत्री कृष्ण बेदी की टिकट काटने पर हंगामा है। मंडल की पूरी बीजेपी इकाई ने इस्तीफा देने की चेतावनी दी है। कृष्ण बेदी पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के राजनीतिक सलाकार भी रह चुके हैं।

रोहतक की महम विस सीट से भारतीय कबड्‌डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्‌डा को उतारने पर महम की बीजेपी इकाई ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष एवं विस संयोजक फतेह सिंह, बहु अकबरपुर मंडल अध्यक्ष हरेंद्र मोखरा, किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष विकास सिवाच, मंडल महामंत्री मुकेश कुमार, महम मंडल अध्यक्ष एवं पूर्व सरपंच रोहताश, लाखनमाजरा मंडल अध्यक्ष नवीन उप्पल और मंडल महामंत्री राकेश कुमार शामिल हैं। गढ़ी-सांपला-किलोई विस से जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्‌डा को टिकट मिलने के बाद पूर्व मंत्री कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा खफा हैं। महम से बीजेपी के पूर्व में प्रत्याशी रहे शमशेर खरकड़ा भी बगावत के मूड में हैं। 

रेवाड़ी और कोसली सीट पर प्रत्याशियों के ऐलान के बाद बॉलीवुड स्टार राजकुमार राव के रिश्ते में जीजा लगने वाले सुनील राव ने बीजेपी को अलविदा कह दिया है। वह हरियाणा चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य थे। वह कोसली सीट से टिकट के दावेदार थे। वहीं, रेवाड़ी से टिकट के दावेदार परिवार पहचान पत्र स्टेट को-ऑर्डिनेटर डा. सतीश खोला और युवा नेता सन्नी यादव ने पार्टी छोड़ दी है। दोनों ही नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया हैं। पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव, पर्यटन निगम के पूर्व चेयरमैन डा. अरविंद यादव, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास व उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास भी टिकट के दावेदार थे। रणधीर सिंह कापड़ीवास, उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास व सतीश यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। 2019 में रेवाड़ी में रणधीर कापड़ीवास की बगावत से ही बीजेपी हारी थी।

कोसली में टिकट न बदलने पर पूर्व किसान मोर्चा के महामंत्री रामपाल ने सामूहिक इस्तीफ़े की चेतावनी दी है। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विस से टिकट मिलने के खिलाफ पूर्व डिप्टी स्पीकर और बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष यादव पहले ही मोर्चा खोल चुकी हैं। राव इंद्रजीत पर गंभीर टिप्पणी करते हुए वह कह चुकी हैं कि अटेली की जनता अब राजशाही नहीं चाहती। संतोष यादव के रुख पर भी अब सभी की निगाहें हैं।

पानीपत के चार में से 3 विस क्षेत्रों पर बगावत शुरू हो गई है। समालखा और इसराना विधानसभा सीटों पर प्रत्यक्ष विरोध है। शहरी सीट से प्रमोद विज को टिकट मिलते ही उन्होंने अपने पोस्टर से मनोहर लाल खट्टर को हटा दिया। समालखा सीट पर पूर्व प्रत्याशी शशिकांत कौशिक ने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। इसराना से सत्यवान शेरा की पत्नी आशु शेरा ने जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट्‌ट को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इसराना से बीजेपी ने राज्यसभा सांसद कृष्णलाल पंवार को टिकट दिया है।


चरखीदादरी में बीजेपी के किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह मांढी ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। बाढड़ा से उनका टिकट कट जाने पर उन्होंने यह निर्णय लिया है। सुखविंदर मांढी ने 2014 विस चुनाव में बाढड़ा से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था और पूर्व सीएम बंशीलाल के बेटे रणबीर सिंह महेंद्रा को हराया था। सुखविंद्र सिंह मांढी के समथर्न में नेशनल हाईवे- 334 बी पर बीजेपी का पुतला भी जलाया गया। मांढी के साथ किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष और बाढ़ड़ा मंडल अध्यक्ष आदि ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है।

रोहतक की सुनारिया जेल में रेप और हत्या के मामले में बंद राम रहीम को 6 बार पैरोल व फरलो देने वाले पूर्व जेलर सुनील सांगवान को चरखीदादरी से टिकट देने पर हंगामा है। दंगल गर्ल बबीता फोगाट का टिकट यहां से काटा गया है। सुनील सांगवान ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति  का आवेदन 1 सितंबर को दिया था। उनके आवेदन को स्वीकार करने की प्रक्रिया में इस कदर तेजी लाई गई कि जेल महानिदेशक (डीजी) ने 1 सितंबर को ही राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें उसी दिन ‘नो-ड्यू’ प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया।

जींद के सफीदों से जेजेपी से आए राम कुमार गौतम को टिकट देने के खिलाफ हाईकमान को पत्र लिखा गया है। भिवानी जिले की तोशाम विस से किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को टिकट देने पर जिला परिषद चेयरपर्सन अनीता मलिक भड़क गई हैं। अनीता मलिक ने कहा किरण और श्रुति 20 साल से वोट लेकर लोगों के बीच में नहीं आईं। तोशाम हल्के के वोट लेकर वह दिल्ली चली जाती हैं।

वहीं, भिवानी जिले की बवानी खेड़ा से टिकट कटने पर मंत्री बिशम्बर वाल्मीकि ने बागी तेवर अख्तियार कर लिए हैं। कायर्कतार्ओं के बीच उनकी आंखों से आंसू छलक आए। उन्होंने बीजेपी पर भ्रष्टाचारी को टिकट देने का आरोप लगाया है। हरियाणा में बीजेपी में घमासान कई स्तर पर है। 1 सितंबर को जींद में जन आशीर्वाद रैली के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह थे, लेकिन अचानक उनका दौरा रद्द हो गया था। बताया गया इसक पीछे की वजह जननायक जनता पार्टी विधायकों की जॉइनिंग थी। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर इसको लेकर अड़े हुए थे। अमित शाह चुनाव के बीच बाहरी नेताओं की पार्टी में एंट्री नहीं चाहते थे। चौंकाने वाली बात यह थी कि शाह के दौरा कैंसिल करते ही बीजेपी की जींद रैली के पोस्टरों से उनका चेहरा भी गायब कर दिया गया।

बादशाहपुर से टिकट पाने वाले राव नरबीर सिंह के खिलाफ बीजेपी की सर्वोच्च इकाई संसदीय बोर्ड की सदस्य और पूर्व सांसद सुधा यादव मोर्चा खोल चुकी हैं। अब वह क्या करेंगी इस पर भी सभी की निगाहें हैं। सीएम नायब सैनी व प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के बीच भी सामंजस्य का अभाव सामने आ चुका है। बडौली कह रहे थे कि सीएम लाडवा से चुनाव लड़ेंगे और नायब सनी कह रहे थे कि वह करनाल से ही चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, वह अब लाडवा से ही लड़ रहे हैं। लेकिन इससे एक बात साबित होती है कि बीजेपी के अंदर भारी गड़बड़ है।

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