ये हैं वो सात शर्तें जिनमें से अगर आर्यन खान ने एक का भी नहीं किया पालन तो रद्द हो जाएगी जमानत!
शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को 25 दिन के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार जमानत मिल गई। उम्मीद है कि शुक्रवार या शनिवार को शाहरुख आर्यन का मन्नत में स्वागत करेंगे। लेकिन उन्हें ये जमानत कुछ शर्तों के साथ मिली है।
शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को 25 दिन के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार जमानत मिल गई। उम्मीद है कि शुक्रवार या शनिवार को शाहरुख आर्यन का मन्नत में स्वागत करेंगे। लेकिन उन्हें ये जमानत कुछ शर्तों के साथ मिली है। इन शर्तों में से आर्यन किसी एक का भी उल्लंघन करते हैं तो उन्हें फिर से जेल जाना पड़ सकता है। आर्यन के साथ अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमीचा को भी जमानत मिल गई है।
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में आर्यन की जमानत पर सुनवाई हुई। एनसीबी ने आर्यन के जमानत का विरोध किया। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) अनिल सिंह ने आर्यन की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आर्यन को जमानत मिलने पर सबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है। अनिल सिंह ने आर्यन खान पर रेगुलर ड्रग्स लेने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आर्यन न सिर्फ खुद ड्रग्स लेते हैं बल्कि वे कई लोगों को भी ड्रग्स उपलब्ध कराते रहे हैं। जिस तादाद में ड्रग्स की मात्रा मिली है, उससे साफ है कि वह ड्रग स्मगलरों के कॉन्टैक्ट में रहे हैं।
हालांकि एनसीबी की दलीलें बचाव पक्ष के आगे कमजोर साबित हुईं और आर्यन को जमानत मिल गई। लेकिन आर्यन को जमानत कुछ शर्तों के साथ मिली है।
आर्यन को इन 7 शर्तों पर मिली जमानत
आर्यन इस केस के दूसरे किसी भी आरोपी से कॉन्टैक्ट नहीं करेंगे।
सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे।
अपना पासपोर्ट लोकल पुलिस स्टेशन में जमा करवाएंगे।
मीडिया में बयानबाजी नहीं करेंगे।
कोर्ट की इजाजत के बिना देश नहीं छोड़ेंगे।
जब भी जरूरत होगी NCB को कोऑपरेट करेंगे।
इनमें से किसी भी शर्त का वॉयलेशन करने पर बेल रद्द कर दी जाएगी।
बचाव पक्ष की दलीलें
आर्यन की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुनवाई के दौरान आर्यन का पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई रिकवरी अधिकतम नहीं थी। आर्यन अरबाज के साथ गया था, जिनके पास 6 ग्राम थी, जिसे NCB ने साजिश के तहत कमर्शियल मात्रा जोड़ी है। उन्होंने कहा कि जो पांच अन्य लोग कर रहे हैं वह आर्यन पर लागू किया जा रहा है। रोहतगी ने कहा कि इस प्रकार के छोटे केस में पहले नोटिस दिया जाता है, पूछताछ होती है, लेकिन यहां पहले ही सीधे गिरफ्तारी हुई है, ये गलत है।
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