CBSE की बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में होंगे बदलाव, छात्रों को समझाने के लिए नए सैम्पल पेपर जारी
सीबीएसई ने नए सैंपल पेपर अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए हैं। वर्ष 2024 से लागू होने वाले सीबीएसई परीक्षा के पैटर्न में एनालिटिकल, कॉन्सेप्ट बेस्ड सवाल ज्यादा आएंगे। बोर्ड परीक्षा में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब 50 प्रतिशत सवाल कंपीटेंसी बेस्ड होंगे।
सीबीएसई की अगले साल होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सीबीएसई ने यह बदलाव अगले वर्ष 2024 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में ही करने का फैसला किया है। छात्रों को बदलाव के बारे में समझाने के लिए बकायदा नए सैम्पल पेपर भी रिलीज कर दिए गए हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक, जो छात्र अगले वर्ष बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, वे छात्र जारी किए गए इन सैम्पल पेपर्स की मदद से इन बदलावों को जान सकते हैं। सीबीएसई के यह सैंपल पेपर छात्रों को अभी से जानकारी देंगे कि आने वाली परीक्षा में किस प्रकार के सवाल पूछे जाएंगे। प्रश्नाें के अलावा छात्रों को यह भी पता लग सकेगा की परीक्षा में किस प्रकार की मार्किंग रहेगी।
सीबीएसई ने अपने यह नए सैंपल पेपर आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए हैं। बोर्ड परीक्षा में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब 50 प्रतिशत सवाल कंपीटेंसी बेस्ड होंगे। वर्ष 2024 में बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट से इन सैंपल पेपर का पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं। वर्ष 2024 से लागू होने वाले सीबीएसई परीक्षा में एनालिटिकल, कॉन्सेप्ट बेस्ड सवाल ज्यादा आएंगे।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके अलावा एमसीक्यू, शॉर्ट आंसर्स सभी में सवालों की वेरायटी यही रहेगी। तकरीबन 50 प्रतिशत सवाल एमसीक्यू, और एक से दो मार्क्स के रूप में बदल दिए गए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अब बोर्ड परीक्षाओं का उद्देश्य छात्रों में विषयों की समझ का मूल्यांकन करना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई पद्धति से कोचिंग और याद रखने की आवश्यकता में कमी आएगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के अलावा स्कूली शिक्षा पद्धति में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों के अंतर्गत 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान विषयों का चयन सीमित नहीं रहेगा। आने वाले दिनों में छात्रों को 11वीं और 12वीं कक्षा में अपनी पसंद के विषय चुनने की सुविधा मिलेगी। मंत्रालय के मुताबिक, कक्षा 11 और 12 के छात्रों को कम से कम दो भाषाएं पढ़नी होंगी। 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई जाने वाली इन भाषाओं में से एक भारतीय भाषा होनी चाहिए।
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