योगी राज में गई गरीब के बेटे की जान, स्कूल की फीस देने के लिए नहीं थे पैसे, कर ली खुदकुशी
मृतक छात्र के पिता ने बताया कि अनूप ने सोमवार को 8,000 रुपये मांगे थे और मैंने उससे कहा था कि मैं इंतजाम करने की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन उसके स्कूल वाले नहीं मान रहे थे और वे फीस जमा करने के लिए दबाव डाल रहे थे। जिस कारण उसने ये कदम उठाया
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक दुखद घटना में 12 वीं कक्षा के एक छात्र ने पैसों के कारण आत्महत्या कर ली। छात्र के पिता उसकी स्कूल की फीस के लिए पैसों का इंतजाम नहीं कर पाए तो उसने देसी पिस्तौल से खुद को गोली मार कर जान दे दी। कथित तौर पर 17 वर्षीय छात्र अनूप कुमार को स्कूल में यह कहकर अपमानित किया गया था कि यदि उसकी स्कूल की बाकी फीस जमा नहीं हुई तो उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा। अनूप के पिता परमेश्वर दयाल मजदूर हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका बेटा परेशान था क्योंकि वह उसके स्कूल की फीस देने के लिए 8,000 रुपये का इंतजाम नहीं कर पा रहा था।
लड़के के पिता ने संवाददाताओं को बताया, "अनूप ने सोमवार को 8,000 रुपये मांगे थे और मैंने उससे कहा था कि मैं इंतजाम करने की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन उसके स्कूल वाले नहीं मान रहे थे और वे फीस जमा करने के लिए दबाव डाल रहे थे। मैं गरीब मजदूर हूं। मेरे पास बेचने के लिए भी कुछ नहीं था। थोड़ी देर बाद उसके कमरे से गोली चलने की आवाज आई। हम भागकर गए तो वह खून से लथपथ पड़ा था, उसकी वहीं मौत हो गई थी। मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगा।"
एसपी (सिटी) संजय कुमार ने कहा, "लड़के के पिता ने हमें बताया कि वह अपने बेटे की स्कूल की फीस का इंतजाम नहीं कर पाए तो उसने अपनी जान दे दी।" निगोही के एसएचओ मनोहर सिंह ने कहा, "हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उसके पास देसी पिस्तौल कहां से आई। परिवार ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। हमने शव को बायोप्सी के लिए भेज दिया है।"
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