उत्तर प्रदेश में सवालों से घिरी सभी मुठभेड़ों की न्यायिक जांच होनी चाहिए: प्रियंका गांधी
प्रियंका ने कहा कि हत्या, हिंसा, रक्तपात और जीवन छीन लेने की राजनीति का कानून, बुलडोजर का कानून, इसका संविधान और न्याय से कोई लेना-देना नहीं है। राजनीतिक वर्चस्व और भय का साम्राज्य कायम करने की करतूतों को कानून-व्यवस्था का नाम देना संविधान का अपमान है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में डकैती के मामले के एक आरोपी की पुलिस साथ कथित मुठभेड़ में मारे जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह असंवैधानिक काम बंद होना चाहिए और जितनी मुठभेड़ें सवालों एवं संदेह के घेरे में हैं, उन सबकी न्यायिक जांच की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भय का साम्राज्य कायम करने की करतूतों को कानून-व्यवस्था का नाम देना संविधान का अपमान है।
प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हत्या, हिंसा, रक्तपात और जीवन छीन लेने की राजनीति का कानून, बुलडोजर का कानून, इसका संविधान और न्याय से कोई लेना-देना नहीं है। राजनीतिक वर्चस्व और भय का साम्राज्य कायम करने की करतूतों को कानून-व्यवस्था का नाम देना संविधान का अपमान करना है।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘कानून-व्यवस्था समाज में शांति स्थापित करने, अपराधी को सुधार के लिए दंडित करने और हर नागरिक को जीवन जीने का मौका देने की बुनियाद पर टिकी होती है। अपवाद छोड़कर, अदालत के आदेश के बिना ली गई हर जान सिर्फ और सिर्फ हत्या है।’’
प्रियंका गांधी ने दावा किया कि खबरों में आए आंकड़ों के अनुसार पिछले सात साल में उत्तर प्रदेश में लगभग 13,000 मुठभेड़ हुई हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या इससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था सुधर गई? अपराध तो रुक नहीं रहे हैं। फिर इसका मकसद क्या है? यह खेल किसलिए खेला जा रहा है?’’ प्रियंका गांधी ने कहा कि यह असंवैधानिक काम बंद होना चाहिए और जितनी मुठभेड़ें सवालों और संदेह के घेरे में हैं, उन सबकी न्यायिक जांच की जानी चाहिए।
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