संसद में विरोध करने पर लग सकती है पाबंदी! ओम बिरला ने वेल में आकर हंगामा करने की परंपरा बंद करने की वकालत की

गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की अनुपस्थिति पर सवाल का जवाब देते हुए ओम बिरला ने कहा कि उनके नाम से कोई विधायी कार्य लिस्टेड नहीं था, इसलिए इस पर कुछ नहीं बोल सकते। विपक्ष की चर्चा की मांग पर उन्होंने कहा कि नियमों के माध्यम से ही चर्चा का विषय तय होता है।

फोटोः IANS
फोटोः IANS
user

नवजीवन डेस्क

विपक्षी सांसदों द्वारा वेल में आकर हंगामा करने पर नाराजगी जताते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा है कि विरोध दर्ज करने के लिए यह परंपरा का हिस्सा नहीं हो सकता है और अगर इस तरह की कोई परंपरा रही भी हो तो भी ये गलत है और इसे बंद होना चाहिए। संसद के शीतकालीन सत्र के तय कार्यक्रम से एक दिन पहले समापन के बाद मीडिया से बात करते हुए ओम बिरला ने कहा कि सदन को सुचारू रूप से चलाने की कोशिश की गई।

ओम बिरला ने कहा कि सदन चर्चा और संवाद का केंद्र बने, इसके लिए समय-समय पर वो सभी दलों के साथ संवाद करते हैं, बातचीत करते रहते हैं। कई बार समाधान निकलता है और कई बार नहीं निकल पाता। उन्होंने कहा कि वो लगातार सदन को बिना व्यवधान चलाने का प्रयास करते रहेंगे और उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम निकलेंगे।


लोकसभा में हुए कामकाज की जानकारी देते हुए बिरला ने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान 18 बैठकें हुईं, जिसमें कुल 83 घंटे और 12 मिनट का कामकाज हुआ। हंगामे की वजह से 18 घंटे और 48 मिनट का समय बर्बाद हुआ। उन्होंने बताया कि सदन में कामकाज की उत्पादकता 82 प्रतिशत रही है।

ओम बिरला ने कहा कि सदन में हर विषय और विधेयक पर चर्चा होनी चाहिए। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की अनुपस्थिति को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनके नाम से कोई विधायी या अन्य कामकाज लिस्टेड नहीं था, इसलिए वो इस पर कुछ नहीं बोल सकते। सदन में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग पर उन्होंने कहा कि नियमों और प्रक्रियाओं के माध्यम से ही चर्चा का विषय तय होता है।


सदन में सांसदों की कम उपस्थिति के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि वो सभी सांसदों और दलों से सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने का आग्रह करेंगे। नए संसद भवन के निर्माण के बारे में बताते हुए ओम बिरला ने कहा कि नवंबर 2022 तक इसका निर्माण पूर्ण हो जाएगा।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia