भारत बंद में हिंसा का सच आया सामने, बीजेपी विधायक ने बंद कराईं दुकानें, अगड़ी जाति के व्यक्ति ने चलाई गोली
सोमवार को हुए दलितों के भारत बंद में हुई हिंसक घटनाओं की सच्चाई धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। तस्वीरें और वीडियो बताते हैं कि इसमें बीजेपी नेता और अगड़ी जाति के लोग शामिल थे।
एससी-एसटी एक्ट को कमजोर करने के खिलाफ सोमवार को हुए दलितों के भारत बंद में सबसे ज्यादा हिंसक वारदातें मध्य प्रदेश में हुईं। लेकिन अब जो खबरें सामने आ रही हैं उससे साबित होता है कि दलितों के बंद के दौरान बीजेपी के कुछ नेताओं और अगड़ी जातियों के लोगों ने न सिर्फ जबरदस्ती बंद करवाया बल्कि हिंसा भी फैलाई।
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली तस्वीर और वीडियो मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सामने आई है। इस वीडियो में एक व्यक्ति हाथ में पिस्तौल लिए गोली चला रहा है। इसे शुरु में दलित बताया गया, लेकिन मध्यप्रदेश के एक दलित एक्टिविस्ट ने इस व्यक्ति की पोल खोलने का दावा करते हुए उसकी असली पहचान ग्वालियर के राजा सिंह चौहान के तौर पर बताई है। एक्टिविस्ट देवाशीष जरारिया ने दावा किया है कि यह व्यक्ति स्कूल में उनका सीनियर रहा है और बंद को बदनाम करने के लिए उसने गोली चलाकर तीन लोगों की हत्या कर दी।
देवाशीष जरारिया के इस खुलासे के बाद उनके मित्रों ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से जरारिया और उनके परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है।
वहीं मध्य प्रदेश के ही आगर से एक चौकाने वाली तस्वीर सामने आई। यहां पर एक जनप्रितिनिधि ही बंद में शामिल थे और वह जबरन दुकानें बंद करवाते देखे गये। तस्वीरों में आगर से बीजेपी विधायक गोपाल परमार बंद के दौरान दुकानें बंद करवा रहे थे। इस दौरान किसी ने उनकी वीडियो भी बनाई है।
हालांकि इन तस्वीरों और वीडियो के बारे में विधायक परमार ने एक अखबार से बातचीत में कहा कि उन्होंने वहीं किया जो उन्हें करना चाहिए था। अगर वो ऐसा नहीं करते तो उनके राजनीतिक विरोधी इस हालत का फायदा उठाने के
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