सर्दी का सितम जारी, कश्मीर में हाड़ कंपा देने वाली ठंड, इतना डिग्री पर पहुंचा पारा
कड़ाके की ठंड की 40 दिनों की लंबी अवधि, जिसे स्थानीय रूप से 'चिल्लई कलां' के नाम से जाना जाता है, 21 दिसंबर को शुरू हुई और 30 जनवरी को समाप्त होगी। इस अवधि के दौरान कश्मीर में पहाड़ों में बारहमासी जल भंडारों को भरने के लिए पर्याप्त बर्फबारी होती है
कश्मीर में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है, जबकि जम्मू में सोमवार को असामान्य रूप से कम तापमान से जनजीवन प्रभावित हुआ।
कड़ाके की ठंड की 40 दिनों की लंबी अवधि, जिसे स्थानीय रूप से 'चिल्लई कलां' के नाम से जाना जाता है, 21 दिसंबर को शुरू हुई और 30 जनवरी को समाप्त होगी। इस अवधि के दौरान कश्मीर में पहाड़ों में बारहमासी जल भंडारों को भरने के लिए पर्याप्त बर्फबारी होती है जो गर्मियों के महीनों के दौरान नदियों, झरनों और झीलों को बनाए रखते हैं। दुर्भाग्य से इस बार चिल्लई कलां के दौरान कोई खास बर्फबारी नहीं हुई।
निकट भविष्य में बर्फबारी की कोई संभावना नहीं होने के कारण सोमवार को श्रीनगर का न्यूनतम तापमान गिरकर शून्य से 5.3 डिग्री नीचे पहुंच गया, जबकि गुलमर्ग में शून्य से 4 डिग्री नीचे और पहलगाम में शून्य से 6.9 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। लद्दाख क्षेत्र के लेह शहर में माइनस 16.7 और कारगिल में माइनस 12.4 तापमान रहा।
जम्मू शहर में सोमवार को न्यूनतम तापमान 5 डिग्री था, जबकि रविवार को जम्मू में अधिकतम तापमान 7.8 डिग्री था, जो सामान्य से काफी नीचे था।
कटरा में 3, बटोट में 2.2, भद्रवाह में 0.2 और बनिहाल में रात का न्यूनतम तापमान शून्य से 1 डिग्री नीचे रहा।
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