हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी को लेकर है जिस चीज का जिक्र, जानें क्या हैं वो शेल कंपनियां और राउंड-ट्रिपिंग?

हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि अडानी समूह की कंपनियों का मूल्य अधिक आंका जा रहा है और आरोप लगाया कि शेल कंपनियों ने राउंड-ट्रिपिंग के जरिये इन कंपनियों में पैसा लगाया।

फोटो: सोशल मीडिया
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आदित्य आनंद

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खुलासे के बाद से शुरू हुई अडानी की परेशानी अब कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस रिपोर्ट ने ना सिर्फ अडानी का साम्राज्य हिला कर रख दिया है बल्कि अर्श से फर्श तक का दौर भी शुरू हो गया है। देश के नामी उद्योगपति और कभी दुनिया के तीसरे सबसे रईस शख्स रहे अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी अब अमीरों की लिस्ट में टॉप 10 तो छोड़िए टॉप 20 में भी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।

वहीं शेयर बाजार की बात करें तो कंपनी के शेयरों में भी भूचाल आ गया है। ग्रुप के सभी शेयर लगातार लोअर सर्किट में हैं। अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर शुक्रवार को इंट्रा डे ट्रेड में लगभग 35% तक गिर गए थे। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों का मार्केट कैप सप्ताहभर में 108 बिलियन डॉलर से अधिक घट गई।

क्या हैं शेल कंपनियां?

अडानी समूह की सात कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं और इनके अलावा 578 सहयोगी कंपनियां हैं जिनका नियंत्रण और प्रबंधन कथित तौर पर अडानी परिवार के हाथ में है। जनवरी, 2023 में इन कंपनियों का मूल्य 200 अरब डॉलर आंका गया जो कतर के जीडीपी के बराबर है।

2018 में गौतम अडानी की कुल संपत्ति 20 अरब डॉलर होने का अनुमान था लेकिन 2022 तक यह कथित तौर पर 120 अरब डॉलर तक बढ़ गया था जिससे वह दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि अडानी समूह की कंपनियों का मूल्य अधिक आंका जा रहा है और आरोप लगाया कि शेल कंपनियों ने राउंड-ट्रिपिंग (टैक्स बचाने और मनी लॉंड्रिंग का तरीका) के जरिये इन कंपनियों में पैसा लगाया।

दो तरह की होती हैं शेल कंपनियां

शेल कंपनियां दो तरह की होती हैं 'इंडस्ट्रियल शेल स्टैक' और ‘इन्वेस्टमेंट शेल स्टैक’। 'इंडस्ट्रियल शेल स्टैक' कंपनियां बाजार से मशीनरी जैसी पूंजीगत संपत्ति खरीदती हैं और सूचीबद्ध कंपनियों को बढ़ी कीमतों पर बेचती हैं। शेल कंपनियों द्वारा प्राप्त अतिरिक्त पैसा तब शेल कंपनियों के दूसरे समूह या 'निवेश शेल स्टैक' में भेज दिया जाता है जो सूचीबद्ध कंपनियों में 'वापस निवेश' करते हैं।

क्या यही है राउंड ट्रिपिंग?

हां, इस सर्कुलर ट्रेडिंग को ‘राउंड ट्रिपिंग’ कहा जाता है और यह ऐसी धारणा बनाता है कि कंपनी आर्थिक दृष्टि से मजबूत है क्योंकि इस प्रक्रिया में हर कंपनी बिना किसी वास्तविक विकास के अपने रिकॉर्ड में राजस्व दिखाती है। यह धारणा सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार मूल्य को बढ़ाती है। जब बाजार मूल्य बढ़ता है, तो कंपनियों के मालिकों या प्रवर्तकों की संपत्ति भी बढ़ती है। इसके बाद वे वित्तीय संस्थानों से अधिक ऋण उठाने के लिए अपने स्वयं के बढ़े हुए शेयरों को गिरवी रख देते हैं।

शेल कंपनियों की पहचान कैसे?

शेल कंपनियों की अक्सर वास्तविक ऑफलाइन या ऑनलाइन मौजूदगी नहीं होती। वे ऑनलाइन या जमीन पर किसी भी गतिविधि को नहीं दिखाती हैं। उनके पास उनके निवेश के अनुपात में कर्मचारियों की संख्या नहीं होती। कंपनियां अक्सर एक ही पंजीकृत पते से संचालित होती हैं, उनके डोमेन नाम एक ही तिथि पर पंजीकृत होते हैं और समान वेबसाइट टेम्पलेट्स के साथ। ऐसे स्पष्ट संकेतों के अलावा उनके पास अक्सर कोई अन्य ठोस व्यवसाय या विक्रेता नहीं होता।


हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के मायने

अडानी समूह के खिलाफ स्टॉक एक्सचेंज में हेरफेर और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगाने वाली अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च पहली संस्था नहीं है। लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मुद्दे को संसद में उठाया था और सरकार और सेबी को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। इससे पहले कई पत्रकार भी ऐसे ही सवाल उठा चुके हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की वॉल स्ट्रीट में अपनी एक प्रतिष्ठा है और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की प्रतिक्रिया से भी पता चलता है कि उसकी रिपोर्ट को बहुत गंभीरता से लिया जाता है। क्रेडिट सुइस ने जिस तरह अडानी बांड को गिरवी के तौर पर स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है, उससे भी ऐसे ही संकेत मिलते हैं। दूसरा संकेत यह है कि भारतीय म्युचुअल फंडों ने भी अडानी के शेयरों से दूरी बना ली है।

हिंडनबर्ग के कॉरपोरेट गवर्नेंस मुद्दे

गौतम अडानी के बड़े भाई पर मॉरीशस, सिंगापुर, कैरेबियन और केमैन द्वीपों में स्थित 38 शेल कंपनियों के प्रबंधन का आरोप लगाने के अलावा हिंडनबर्ग ने इस बात पर भी सवाल उठाया है कि समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) को आठ वर्षों में पांच बार बदला गया। वर्तमान सीएफओ को ऑस्ट्रेलियाई नागरिक बताया जाता है। रिपोर्ट ने अहमदाबाद स्थिति एक छोटी ऑडिटिंग फर्म पर भी उंगली उठाई है जिसने एक छोटे से किराये के दफ्तर से काम करते हुए अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी टोटल गैस की ऑडिटिंग की।

अडानी समूह को अमेरिकी शेयर बाजार से लगा बड़ा झटका!

अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज को डाओ जोंस सस्टेनबिलिटी इंडेक्स से हटाने का फैसला लिया गया है। अमेरिकी शेयर बाजार ने अपने इंडेक्स में किए गए इस बदलाव को लेकर जानकारी दी है। इस फैसले के मुताबिक, अब 7 फरवरी 2023 से अडानी इंटरप्राइजेज इस इंडेक्स में व्यापार नहीं करेगा। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज ने अडानी एंटरप्राइजेज को एसएंडपी डाउ जोंस सस्टेनबिलिटी इंडेक्स से बाहर करने के ऐलान के बारे में कहा गया है कि अडानी एंटरप्राइजेज को स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड के आरोपों द्वारा ट्रिगर किए गए मीडिया और स्टेकहोल्डर एनॉलिसिस के बाद डाउ जोन्स स्स्टेबिलिटी इंडेक्स से हटा दिया जाएगा।


हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट में क्या था? 

25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े हैं। 

हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है?

हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की है। हिंडनबर्ग रिसर्च हेज फंड का कारोबार भी करती है। इसे कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए जाना जाता है। इस कंपनी का नाम हिंडनबर्ग आपदा पर आधारित है जो 1937 में हुई थी, जब एक जर्मन यात्री हवाई पोत में आग लग गई थी, जिसमें 35 लोग मारे गए थे।

कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं हो रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो खुद को बड़ा नहीं दिखा रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही?

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