'अरुणाचल से लद्दाख तक गंभीर हैं हालात, हमारे पास एक मजबूत सेना, लेकिन PM कमजोर, क्यों सच छिपा रही सरकार?'
ओवैसी ने एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि अगर ब्रिटेन के एक अखबार की यह रिपोर्ट सही है, तो इसका मतलब है कि चीन से लगी सीमा पर हालात उससे कहीं ज्यादा गंभीर हैं, जितना बताया जा रहा है। मामला लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक गंभीर बना हुआ है। इसके लिए सरकार को जवाब देना चाहिए।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई झड़प को विपक्ष लगातार मोदी सरकार से सवाल पूछ रही है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर हमला बोला है और सवाल पूछे हैं।
ओवैसी ने सरकार पर हमला बोलते हए कहा, "यह मोदी सरकार की लीपापोती है। इसलिए संसद में बहस जरूरी है, जहां पीएम को सवालों के जवाब देने चाहिए। हमारे लोगों से सच क्यों छुपाया जा रहा है?"
ओवैसी ने एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि अगर ब्रिटेन के एक अखबार की यह रिपोर्ट सही है, तो इसका मतलब है कि चीन से लगी सीमा पर हालात उससे कहीं ज्यादा गंभीर हैं, जितना बताया जा रहा है। मामला लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक गंभीर बना हुआ है। इसके लिए सरकार को जवाब देना चाहिए।
ओवैसी ने एक और ट्वीट में लिखा कि "हमारे पास एक मजबूत सेना है लेकिन बहुत कमजोर पीएम है। वे चीन का नाम लेने से भी डरते हैं, देश और नेता के बारे में पूछे जाने वाले सवालों से दूर भागते हैं और अब एक बड़े संकट की आड़ ले रहे हैं।"
इसस पहले संसद में जवाब की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर हमला बोला। खड़गे ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार की लाल आंख पर चीनी चश्मा लग गया है। क्या भारतीय संसद में चीन के विरूद्ध बोलने की अनुमति नहीं है?
तवांग में 9 दिसंबर को हुआ क्या था?
तवांग में भारतीय पोस्ट को हटवाने के लिए 9 दिसंबर को चीनी सैनिक आए थे। भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों के देखते ही मोर्चा संभाला और भिड़ गए। आमने-सामने के क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया। हिंसक घटना में 6 भारतीय जवान घायल हो गए। कई चीनी सैनिकों के घाल होने की भी खबर है। हालांकि चीन की तरफ से कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया।
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