लोकसभा अध्यक्ष का अंकुश सत्तापक्ष भी रहना चाहिए, निष्कासन जैसी कार्रवाई नहीं हो: अखिलेश यादव

भारतीय जनता पार्टी के सांसद ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया। वह दूसरी बार इस उत्तरदायित्व को संभाल रहे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा के नवविर्वाचित अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई दी और उम्मीद जताई कि उनका अंकुश विपक्ष के साथ साथ सत्तापक्ष पर भी रहेगा तथा निष्कासन जैसी कार्रवाई नहीं होगी।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया। वह दूसरी बार इस उत्तरदायित्व को संभाल रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोकसभा सदस्य अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘जिस पद पर आप बैठे हैं उससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं। हम सब यही मानते हैं कि यह बिना भेदभाव के आगे बढ़ेगा और लोकसभा अध्यक्ष के रूप में आप हर सांसद और हर दल को बराबरी से मौका देंगे।’’

उन्होंने कहा ‘‘निष्पक्षता इस महान पद की महान जिम्मेदारी है। आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश की तरह बैठे हैं। हम सबकी अपेक्षा है कि किसी भी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई न जाए और न ही दोबारा निष्कासन जैसी कार्रवाई सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाए।’’

यादव ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा, ‘‘आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, आपका अंकुश सत्तापक्ष पर भी रहना चाहिए।’’ यादव ने कहा, ‘‘अध्यक्ष महोदय, आपके इशारे पर सदन चलना चाहिए, इसका उलटा नहीं होना चाहिए। हम आपके हर न्यायसंगत फैसले के साथ खड़े हैं।’’

तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने भी बिरला को बधाई दी। उन्होंने कहा ‘‘मेरी यह धारणा बनी है कि आधिकारिक रूप से नेता प्रतिपक्ष नहीं होने पर सदन सही ढंग से नहीं चलता। हम खुश हैं कि देश को नेता प्रतिपक्ष मिल गया है।’’

उन्होंने बिरला से कहा, ‘‘आपकी नीयत अच्छी हो सकती है, लेकिन कभी कभी आपको सत्तापक्ष के दबाव के आगे झुकना पड़ जाता है... 146 सांसदों का निलंबन एक दिन में हुआ है।’’

बंदोपाध्याय ने कहा कि सत्तापक्ष को यह प्रयास करना होगा कि सदन सुचारू रूप से चले।

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