जामिया में प्रदर्शनकारी छात्रों ने वीसी का घेराव कर पूछे कई सवाल, ‘दिल्ली पुलिस पर FIR अब तक क्यों नहीं?’
दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को वाइस चांसलर नजमा अख्तर के ऑफिस का घेराव किया और पिछले महीने कैंपस के अंदर हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईआर की मांग की। जिसके बाद नजमा अख्तर ने कहा कि कल से ही इस पर कार्रवाई होगी।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने 15 दिसबंर को पुलिस की कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन किया और कुलपति नजमा अख्तर के दफ्तर का घेराव किया। छात्रों ने नारेबाजी की और वीसी नजमा अख्तर को छात्रों के बीच आने को कहा। जिसके बाद वीसी नजमा अख्तर छात्रों से बात करने के लिए पहुंचीं। इस दौरान छात्रों के तीखे सवालों की बौछार देखने को मिला। छात्रों ने वीसी से पूछा कि पिछले महीने कैंपस के अंदर हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हुई। इस पर वीसी नजमा अख्तर ने कहा कि कल से ही इस पर कार्रवाई होगी।
कुलपति नजमा अख्तर ने छात्रों से कहा कि हमने जामिया हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन वह अभी रिसीव नहीं हुई है। हम इससे आगे कुछ नहीं कर सकते क्योंकि हम सरकारी कर्मचारी हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हमने इस मामले में सरकार के सामने भी आपत्ति दर्ज कराई है। अगर जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट भी जाएंगे।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कुलपति नजमा अख्तर से पूछा कि आपने छात्रों के सुरक्षा के लिए क्या किया। इस पर जवाब देते हुए कुलपति ने कहा कि आप यहां परीक्षाओं और अपनी जरूरतों की बात करें। आप अपनी बातों को मेरे मुंह से मत निकलवाइए। केवल एफआईआर दर्ज करवाने से ही सुरक्षा नहीं हो जाती है। सुरक्षा के लिए जो भी कदम हैं, हम उठा रहे हैं।
छात्रों ने फिर पूछा कि एनआरसी और नागरिकता कानून पर आपका विचार क्या है। इस सवाल पर कुलपति नजमा अख्तर बचती हुई नजर आईं और उन्होंने कहा कि केवल यूनिवर्सिटी से जुड़ी बातें ही पूछिए, दूसरी बातें नहीं।
इस दौरान एक छात्र ने यह सवाल किया कि पता चला है कि आप ऑस्ट्रेलिया जा रही हैं, वो भी उस समय जब आपके घर, आपके कॉलेज में आग लगी हुई है। इस सवाल का जवाब देते हुए कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि मैं कही नहीं जा रही हूं।
एक छात्रा ने कुलपति नजमा अख्तर से सवाल पूछा कि जम्मू-कश्मीर के हॉस्टल खाली करने की बात अपने क्यों कही थी? इस सावल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैंने कभी ऐसा आदेश नहीं दिया। जेएंडके हॉस्टल में बच्चे थे, मैंने फोन करके कहा कि जो भी लड़के हैं, उन्हें हॉस्टल में बुला लो। गेट पर ताला लगा दो और उन्हें बाहर मत जाने देना। आप लोग गलत बयान दे रहे हैं।
बता दें कि 15 दिसंबर को सीएए के विरोध में दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास उपद्रवी भीड़ ने 4 बसों समेत 8 वाहनों को फूंक दिया था। इतना ही उपद्रवियों ने पथराव कर तोड़फोड़ भी की थी। उपद्रवियों को खदेड़ते हुए पुलिस यूनिवर्सिटी में घुस गई थी और पुलिस ने छात्राओं पर लाठीचार्ज कर दिया था। पुलिस की बर्बरता में कई छात्र घायल हो गए थे। इसमें बड़ी संख्या में छात्राएं भी शामिल थी।
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