फिर आर पार के मूड में किसान संगठन! दो टूक में PM मोदी से कहा- हर हाल में कृषि कानूनों को लेना होगा वापस

किसान संगठनों का कहना है कि आज उन्हें ऐसा लग रहा है कि वो इसी दिन के लिए पैदा हुए यह हमारे जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष है कई नकाब उतर गए हैं। आज जो किसान के साथ नहीं है वो कल किसान उसके साथ नहीं रहेगा। बात वजूद की है और बच्चों के भविष्य की है।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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आस मोहम्मद कैफ

बिजनौर से दिल्ली की और जा रहे राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगा बैराज पर 48 घंटों के अधिक समय से ट्रैफिक सिसक रहा है। कई बार घंटों ट्रैफिक बंद रहा है और अब रेंग रहा हैं। बिजनौर दिल्ली में होने गणतंत्र दिवस पर होने वाली किसानों की ट्रैक्टर रैली के आह्वान पर महत्वपूर्ण जनपद बन गया है। इसका संकेत भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत दे चुके हैं। बिजनौर के किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष बिशम्बर सिंह पिछले तीन दिनों से बिजनौर के देहात में किसानों के ट्रैक्टर को दिल्ली निकालने में जुटे है। उनका एक पांव दिल्ली में है और दूसरा बिजनौर में। बिशम्बर सिंह की मानें तो सिर्फ बिजनौर से ट्रैक्टर रैली में एक हजार ट्रैक्टर शामिल होंगे। अब तक 500 ट्रैक्टर दिल्ली पहुंच चुके हैं। बिजनौर की भागीदारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण होने वाली है और इसकी वजह यह है कि यहां भारतीय किसान मजदूर संगठन का बेहद मजबूत आधार है।

यहां के युवा किसान नेता अदित चौधरी बताते हैं कि हाल के दिनों में बिजनौर के किसानों ने कई यादगार संघर्ष किए हैं और यह सबसे बड़ी लड़ाई है। तमाम किसान संगठनों ने आपसी मतभेद भट्टी में झोंक दिए और एकजुट हो गए हैं। हम अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। किसानों के संघर्ष के लिए मुजफ्फरनगर शामली और बागपत की अपनी एक पहचान है अब बिजनौर अपना दम दिखा रहा है। बिजनौर से सैकड़ों ट्रैक्टर दिल्ली पहुंच चुके हैं और इतने ही जाने वाले हैं। चांदपुर के 65 साल के किसान नूर मोहम्मद बताते हैं कि उनका घर मुजफ्फरनगर में है मगर उनका फार्म बिजनौर के चांदपुर में है वो यहां वहीं जोश देख रहे हैं जो उन्होंने अपने जिले में चौधरी टिकैत के जमाने मे देखा था। बहुत तगड़ा जुनून हैं।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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बिजनौर से 70 किमी भारतीय किसान यूनियन की राजधानी सिसौली में नरेश टिकैत बगल के गांव से लौटे है। नरेश भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष है वो दिवंगत चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बड़े बेटे है और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत के बड़े भाई हैं। राकेश वहां डटे है तो नरेश यहां गांव -गांव घूम रहे हैं और किसानों को दिल्ली घेरने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। नरेश कहते हैं "यह आर-पार की लड़ाई हो गई है। सरकार हमें भाव नही दे रही है। कृषि मंत्री को हर बार बात करने भेज देते हैं ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी पर कोई फर्क नही पड़ रहा है मगर फर्क पड़ेगा। जरूर पड़ेगा, सरकार को ये कानून वापस लेने पड़ेंगे" ।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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नरेश टिकैत बालियान खाप के भी चौधरी है वो कहते हैं " लड़ाई एकदम जायज़ है किसान की है। अगर यहां से किसान नाकाम हो जाते हैं तो वो आगे के लिए बहुत बुरे दौर में पहुंचेंगे। कुछ लोग पार्टीबाजी के चलते नही बोल पा रहे हैं। इन्हें भी बोलना होगा। हमने इस लड़ाई को छेड़ दिया है अब हम इसे बिना नतीजा पर पहुंचे छोड़ नही सकते हैं। "

गंगा के पार बिजनौर इलाके से आ रहे किसानों के ट्रैक्टर काफिलों को दिल्ली तक पहुंचाने के लिए लगभग हर महत्वपूर्ण मोड़, तिराहे और चौराहों पर किसान संगठनों के युवा कार्यकर्ता खड़े रहते हैं। खतौली तिराहे पर खड़े पराग चौधरी बताते हैं कि हम यहां किसानों की मदद के लिए है। सरकार इन्हें दिल्ली न पहुंचने देने के लिए तमाम अड़ंगा लगा रही है। किसान भाइयों को हम पानी और चाय पिला रहे हैं और उनकी हिम्मत बढ़ा रहे हैं। अगर कोई प्रशासनिक रुकावट डालता है तो हम अपने नेतागणों को सूचित करते हैं।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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प्रशासनिक रुकावट का आलम यह है कि कई जगह पेट्रोल पंपों ने ट्रैक्टरों को डीजल देना बंद कर दिया है। कई जगह नोटिस लगा दिये गए हैं। सहारनपुर के गंगोह के किसान सुधीर भारतीय बताते हैं किसान का ट्रैक्टर काफी डीज़ल से खाली रहता ही नही है और हम इतना तेल तो रखते हैं कि दिल्ली पहुंच जाए। अब दिल्ली पहुंचकर तेल खत्म हो गया तो ट्रैक्टर वहीं खड़ा कर देंगे। सुधीर बताते हैं कि सहारनपुर से सैकड़ों ट्रैक्टर दिल्ली पहुंच चुके हैं और ये सब 26 जनवरी की परेड में करतब दिखाएंगे। शामली ,बागपत मेरठ से भी हजारों ट्रैक्टर गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली में शिरकत करेंगे। बागपत के अनिल तेवतिया कहते हैं कि हम स्थानीय किसानों से अपील कर रहे हैं कि यह राजनीतिक रूप से बंटवारा का समय नही है हमें किसान के लिए एकजुट होने का समय है।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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किसानों ने भी दिल्ली पहुंचने से रोके जाने से ट्रैक्टर को राजधानी तक पहुंचाने के नए तरीके अपनाए है। जैसे किसान आधी रात को पूरा काफिला लेकर निकलते है। भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राजू अहलावत मुजफ्फरनगर और मेरठ से ट्रैक्टर को दिल्ली पहुंचाने की योजना बनाने और उसका क्रियान्वयन करने की मुख्य धुरी है। राजू अहलावत कहते हैं कि आज उन्हें ऐसा लग रहा है कि वो इसी दिन के लिए पैदा हुए यह हमारे जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष है कई नकाब उतर गए हैं। आज जो किसान के साथ नहीं है वो कल किसान उसके साथ नहीं रहेगा। बात वजूद की है और बच्चों के भविष्य की है। हमारी औरतों ने भी मन बना लिया है हम इसे अधूरी नही छोड़ने जा रहे हैं।

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