बिहार में पुल ढहने के मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जनहित याचिका दायर, विस्तृत जांच की मांग

याचिकाकर्ता ने पिछले दो साल के भीतर 12 पुलों के गिरने का हवाला देते हुए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश देने की मांग की है।

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

बिहार में लगातार पुलों के गिरने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचाहै। बिहार में पुल ढहने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने पिछले दो साल के भीतर 12 पुलों के गिरने का हवाला देते हुए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश देने की मांग की है।

गौरतलब है कि बिहार में हर दिन कहीं न कहीं से पुल गे गिरने की खबरें आ रहा हैं। बीते 24 घंटों में ही राज्य में चार पुलों ने जलसमाधि ले ली। अकेले सिवाल जिले में तीन पुल ढह गए। कुछ दिन पहले भी यहां पुल गंडक नदी में समा गया था। पुल के ढहने के कारण गंडक और धमही नदी के किनारों के कई गांवों का संपर्क टूट गया है। वही महाराजगंज प्रखंड में पुल-पुलिया भी ध्वस्त होने लगे हैं।

वहीं बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डबल इंजन की सरकार पर तंज कसा। तेजस्वी ने कहा था कि बिहार में एक ही दिन में 4 पुल गिरे, लेकिन इस पर न मुख्यमंत्री मुंह खोल रहे हैं न दोनों उपमुख्यमंत्री। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, "देखिए, कैसे आज 𝟑 जुलाई को बिहार में एक ही दिन में 𝟒 पुल गिरे? मुख्यमंत्री मौन, 𝟐-𝟐 उपमुख्यमंत्री गौण 𝟏𝟖 वर्षों की एनडीए सरकार बताए दोषी कौन? चूंकि बीजेपी बिहार में सत्ता है इसलिए भ्रष्टाचार और अपराध ना गोदी मीडिया के लिए मुद्दा है और ना जातिवादी मीडिया के लिए? वैसे 𝟔 दलों वाली डबल इंजन सरकार के लिए यह विचित्र स्थिति है कि 𝟏𝟓 दिन में हजारों करोड़ के 𝟏𝟎 पुल गिरने के बाद भी उन्हें विपक्ष को दोषी ठहराने के लिए कोई बहाना ही नहीं मिल रहा है।"

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