कोरोना संकट पर आर्थिक पैकेज को कांग्रेस ने बताया नाकाफी, मजदूर, किसान और गरीब को राहत बढ़ाकर देने की रखी मांग
लगातार मांग के बाद मोदी सरकार द्वारा कोरोना संकट से प्रभावित लोगों की मदद के लिए घोषित आर्थिक पैकेज को कांग्रेस ने आज के हालात में नाकाफी करार दिया है। कांग्रेस ने किसानों, मजदूरों, गरीबों और वेतनभोगी वर्ग को और ज्यादा राहत देने की सरकार से मांग की।
कांग्रेस ने कोरोना संकट को लेकर लोगों के लिए मोदी सरकार द्वारा आज घोषित आर्थिक पैकेज का स्वागत किया है, लेकिन इसे इस संकट के समय नाकाफी बताया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज घोषित एक लाख 70 हजार करोड़ के राहत पैकेज को बढ़ाने की मांग करते हुए कई गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “कई समाजशास्त्रियों, अर्थशास्त्रियों और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने मांग की थी कि दिहाड़ी मजदूरों, वेतनभोगियों, गरीबों और किसानों को मदद दी जाए। आज सरकार ने एक पैकेज की घोषणा की, जिसका हम स्वागत करते हैं। लेकिन कोरोना से लड़ाई लड़ने और लोगों की मदद के लिए यह कम है।’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत किसानों को दो हजार रुपये देने को कहा है, जबकि यह राशि तो छह हजार रुपये वार्षिक है। आखिर चार हजार रुपये क्यों काट लिया गया? सोनिया जी ने किसानों को 7500 रुपये अतिरिक्त देने की मांग की थी। आखिर इस संकट की घड़ी में किसानों को पूरे छह हजार रुपये क्यों नहीं दिए जा रहे? इसके अलावा बंटाई पर खेती करने वालों और खेतों में मजदूरी करने वालों के लिए सरकार ने कोई घोषणा क्यों नहीं की।’’
कांग्रेस नेता ने इस समय किसानों की सबसे बड़े समस्या फसलों की कटाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में फसलों की कटाई होने वाली है। ऐसे में सरकार बताए कि कटाई के लिए क्या इंतजाम है? अगर किसान खड़ी फसल की कटाई 20-25 दिन टाल देगा तो उसे बहुत नुकसान होगा। इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा? सरकार से आग्रह है कि फसल कटाई और न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत उचित राशि का इंतजाम करे।
जनधन खाते में 500 रुपये देने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए सुरजेवाला ने कहा, ‘‘जनधन खाते में 500 रुपये डालने से क्या होगा? हमारी मांग है कि 7500 रुपये की राशि डाली जाए।’’ साथ ही उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति अनाज की मात्रा जो तय की गई है, वह पर्याप्त नहीं है। हर व्यक्ति को अगले 21 दिनों के लिए 10 किलोग्राम अनाज और तीन किलो दाल मुफ्त दिया जाए।
कांग्रेस नेता ने चिकित्साकर्मियों के लिए 50 लाख रुपये की बीमा राशि का स्वागत करते हुए उनका वेतन दोगुना करने की मांग की। हर समय कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद हमारे स्वास्थ्यकर्मी इसके खिलाफ मजबूती से डटे हुए हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा सरकार का दायित्व है। मगर, भाजपा सरकार इससे भी पल्ला झाड़ रही है। हमारा निवेदन है कि ये सोचने नहीं, काम करने का समय है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना संकट के बीच जब मध्यम वर्ग सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठा था, उस वक़्त वित्त मंत्री के पास मध्यम वर्ग के लिए राहत के नाम पर "शून्य" था। मध्यम वर्ग के प्रति बीजेपी सरकार की उदासीनता महामारी के इस दौर में निराशाजनक है। साथ ही उन्होंने मांग की कि सभी बैंकों की ईएमआई को तीन महीने के लिए टाल दिया जाए। उन्होंने मांग उठाई कि जरूरी वस्तुओं की कालाबजारी पर सरकार ठोस कदम उठाकर अंकुश लगाए।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण तथा इसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर को कम करने के लिए बृहस्पतिवार को एक आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश पैकेज के तहत लॉकडाउन के दौरान गरीबों, मजदूरों और किसानों के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण में लोगों के इलाज में लगे डॉक्टरों, पैरामेडिकल कर्मियों, चिकित्सा सेवा कर्मियों के लिए कई घोषणाएं की गईं।
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