आंध्र प्रदेश के कोरोना मरीजों को रोकने पर तेलंगाना हाईकोर्ट सख्त, पूछा- सीमा पर किसके आदेश से एंबुलेंस रोके गए
तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हेमा कोहली और न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की पीठ ने अधिकारियों से सवाल किया कि अंतरराज्य मूवमेंट पर प्रतिबंध नहीं होने पर वे एम्बुलेंस को कैसे रोक सकते हैं। अदालत ने पूछा कि क्या यही मानवता है।
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश से हैदराबाद में कोरोना मरीजों को ले जा रही कई एम्बुलेंस को सीमा पर रोकने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों की जमकर खिंचाई की। अदालत ने उन खबरों को गंभीरता से लिया है, जिनमें बताया गया था कि हैदराबाद में इलाज के लिए आने वाले कोरोना मरीजों को अंतर-राज्यीय सीमा पर रोक दिया गया था और उन्हें आने से मना कर दिया गया था।
तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हेमा कोहली और न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की खंडपीठ ने अधिकारियों से सवाल किया कि अंतरराज्य मूवमेंट पर प्रतिबंध नहीं होने पर वे एम्बुलेंस को कैसे रोक सकते हैं। अदालत ने पूछा क्या यह मानवता है। अदालत यह जानना चाहती थी कि कोरोना मरीजों के एंबुलेंस को रोकने का आदेश किसने दिया।
अदालत ने मंगलवार को तेलंगाना में कोविड की स्थिति से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई की। इस दौरान हैदराबाद, साइबराबाद और राचकोंडा के पुलिस आयुक्त और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के आयुक्त अदालत में पेश हुए। अदालत ने रात के कर्फ्यू के अप्रभावी कार्यान्वयन पर नाराजगी जताई। पीठ ने कहा कि क्या राज्य सरकार रमजान के बाद कोरोना के नियंत्रण के लिए और उपाय करने की योजना बना रही है।
अदालत यह जानना चाहती थी कि धार्मिक स्थलों पर होने वाले समारोहों को नियंत्रित क्यों नहीं किया जा रहा है। अदालत ने टिप्पणी की कि अदालत के आदेश की धज्जियां उड़ाना दुर्भाग्यपूर्ण है और चेतावनी दी गई है कि अधिकारियों को अदालती कार्यवाही की अवमानना का सामना करना पड़ सकता है। एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि राज्य कैबिनेट मंगलवार दोपहर कोरोना नियंत्रण उपायों पर निर्णय लेने के लिए बैठक कर रहा है। पीठ ने उन्हें अपनी चिंता कैबिनेट को बताने को कहा।
अदालत ने सरकार से सभी प्रस्तावित कोरोना नियंत्रण उपायों के विवरण के साथ एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई को कैबिनेट बैठक तक स्थगित कर दिया। बता दें कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में कोरोना को मामलों में उछाल को देखते हुए 12 मई से 10 दिनों के लिए राज्यव्यापी लॉकडाउन का निर्णय लिया गया है।
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