सेना बहाली में जाति प्रमाण पत्र मांगने पर तेजस्वी का सरकार पर तंज, 'जात न पूछो साधु की, लेकिन जात पूछो फौजी की'
तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जातिगत जनगणना से दूर भागने वाली सरकार देश के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है।
अग्निपथ योजना को लेकर एक बार फिर बवाल जारी है। सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र मांगने की मंशा पर पहले जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सवाल उठाया था और अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर बेहद तल्ख लहजे में कहा कि जातिगत जनगणना से दूर भागने वाली सरकार देश के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है।
उपेंद्र कुशवाहा ने भी उठाया था सवाल
इससे पहले जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था, " माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है।
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने भी उठाया सवाल
इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने ट्विटर पर लिखा था, "सरकार सैनिकों की जाति क्यों जानना चाहती है? क्या अग्निवीर में SC, ST, OBC को 50% रिज़र्वेशन देना है? या सरकार इन सर्टिफिकेट का इस्तेमाल 25% को पर्मानेंट करते समय करेगी? मकसद क्या है, जब कोटा है नहीं?" उन्होंने पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है।
उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा था, "जाति जनगणना न कराने वाली सरकार सेना में भर्ती के लिए पहली बार जाति का सर्टिफिकेट मांग रही है। इसका इस्तेमाल 75% को छांटने में हो सकता है। अगर ये मकसद नहीं है तो सरकार बताए कि जब आर्मी भर्ती में आरक्षण नहीं है तो उसे कैंडिडेट की जाति क्यों जाननी है? मेट्रिमोनियल सर्विस है क्या?"
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आइए जानते है क्यों बवाल?
बता दें कि सेना बहाली में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट जारी कर दी गई है। इन दस्तावेजों में कई दस्तावेजों के साथ जाति प्रमाण पत्र मांगे गए हैं। इस मांग पर कई नेताओं समेत कई वरिष्ठ पत्रकारों ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठा चुके हैं।
'अग्निपथ योजना' क्या है?
भारतीय सेना में जवानों की भर्ती के लिए शुरू की गई इस नई स्किम 'अग्निपथ योजना' में जिन युवाओं को भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा उन्हें 'अग्निवीर' के नाम से जाना जाएगा। इस योजना के तहत अग्निवीरों को 4 साल तक सेना में नौकरी करने का मौका मिलेगा।
इस योजना के तहत जिन युवाओं को भारतीय सेना में भर्ती किया जाएगा उनकी उम्र 17 वर्ष 6 महीने से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए। हालांकि पहले चरण के भर्ती में युवाओं को उम्र में 2 साल का छूट दिया जा रहा है यानी कि जिन युवाओं का उम्र 17 साल 6 माह से 23 वर्ष के बीच है इस बार वह युवा भी अग्नीपथ स्कीम के तहत आर्मी भर्ती में अपना आवेदन दे सकते हैं।
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