तमिलनाडु के वैज्ञानिक ने तोड़े चापलूसी के रिकॉर्ड, कहा- आइंस्टीन-न्यूटन थे मूर्ख, मोदी के मंत्री महावैज्ञानिक
तमिलनाडु के वैज्ञानिक कनक जगाथला कृष्णन ने एक कार्यक्रम के दौरान कई हैरान करने वाला दावा किए। साथ ही कहा कि आने वाले समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन भारत के ‘मिसाइल मैन’ एपीजे अब्दुल कलाम से बड़े वैज्ञानिक बनेंगे।
पंजाब के जालंधर में 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश के कई जाने माने वैज्ञानिक शामिल हुए और चर्चा की। लेकिन इस दौरान तमिलनाडु के वैज्ञानिक कनक जगाथला कृष्णन ने पीएम मोदी और बीजेपी सरकार की चापलूसी करने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उन्होंने आइंस्टीन के सिद्धांत को ही गलत बता दिया। इतना ही नहीं विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्द्धन की तुलना ‘मिसाइल मैन’ एपीजे अब्दुल कलाम से की और उन्हें कलाम से बेहतर वैज्ञानिक तक कह डाला।
खबरों के मुताबिक, शुक्रवार को आइंस्टीन के सिद्धांत पर चर्चा के लिए वैज्ञानिक कनक जगाथला कृष्णन को बुलाया गया था। जैसे ही उन्होंने बोलना शुरु किया। उन्होंने सबसे पहले आइंस्टीन और न्यूटन को नासमझ बताया और उनके सिद्धांतों को गलत ठहराया। उन्होंने कहा, “आइंस्टीन को रिलेटिविटी की थ्योरी और न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण का नियम की सही-सही जानकारी ही नहीं थी। इन दोनों वैज्ञानिकों के पास गुरुत्वाकर्षण बल में जानकारी नाम मात्र की थी। वे बहुत से सवालों का जवाब नहीं दे पाए थे।” इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि बल्कि आइंस्टीन ने भौतिक के प्रिंसिपल ऑफ रिलेटिविटी को लेकर दुनिया को गुमराह किया। बता दें कि कृष्णन तमिलनाडु के अलियर स्थित वर्ल्ड कम्यूनिटी सर्विस सेंटर के वरिष्ठ वैज्ञानिक होने का दावा करते हैं।
वैज्ञानिक कनक जगाथला कृष्णन दावों का सिलसिला यही नहीं रुका। उन्होंने आगे कहा कि जिन सवालों के जवाब आइंस्टीन और न्यूटन नहीं खोज पाए थे, उसका हल उनके पास है। जगाथला कृष्णन कृष्णन ने आगे ये भी दावा किया कि अगर लोगों ने एकबार गुरुत्वाकर्षण के इस सिद्धांत को स्वीकार कर लिया और उनके लिए इसके मायने बदल जाते हैं। जिसके बाद आने वाले समय में गुरुत्वाकर्षण तरंगों को 'नरेंद्र मोदी तरंग' और गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव 'हर्षवर्धन प्रभाव' के नाम से जाना जाएगा।
उन्होंने आगे एक और हैरान करने वाला दावा करते हुए कहा कि आने वाले समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन भारत के ‘मिसाइल मैन’ एपीजे अब्दुल कलाम से बड़े वैज्ञानिक बनेंगे और दुनिया उन्हें सलाम करेगी। कृष्णन आगे कहा कि गुरुत्वाकर्षण को समझने वाले अपने सिद्धांतों को स्टीफेन हॉकिन्स और दुनिया के अन्य बड़े शोधकर्ताओं के साथ साझा करेंगे। और उनके गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया जाता है तो वे आने वाले समय में गुरुत्वाकर्षण तरंगों को ‘नरेंद्र मोदी तरंग’ और गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव ‘हर्षवर्धन प्रभाव’ के नाम देंगे।
अपने सिद्धांतों पर बात करते हुए कहा कि अंतरिक्ष की स्व-संकुचित प्रकृति की वजह से चीजें एक विशेष गति से चलती हैं, गुरुत्वाकर्षण की वजह से नहीं। अंतरिक्ष के स्व-संकुचित प्रकृति को न्यूटन और आइंस्टीन नहीं समझ सकें। आइंस्टीन ने दुनिया के लोगों को सही राह नहीं दिखाई।
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