शाहजहांपुर केस: बीजेपी नेता चिन्मयानंद भेजे गए जेल, रेप और ब्लैकमेलिंग के आरोप में 3 और गिरफ्तार
शाहजहांपुर के एलएलएम की छात्रा ने बीजेपी नेता चिन्मयानंद पर खुदका और कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। अगस्त के महीने में फेसबुक लाइव वीडियो में चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की लॉ की छात्रा द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद को एसआईटी ने जिला कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। साथ ही उनके तीन सहयोगी युवक भी एसआईटी ने गिरफ्तार किए हैं। पकड़े गए तीनों युवकों पर ब्लैकमेलिंग में शामिल होने का आरोप है। तीनों आरोपियों के नाम संजय सिंह, विक्रम उर्फ ब्रजेश और सचिन उर्फ सोनू हैं। मजे की बात यह है कि इन तीनों आरोपियों स्वामी को ब्लेकमेल कर उनसे मोटी रकम वसूलने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन पर आईटी एक्ट के साथ-साथ जबरन धन वसूली और साक्ष्य मिटाने का आरोप लगा है।
एसआईटी के सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार तीनों युवकों को भी चिन्मयानंद के साथ ही स्थानीय सीजेएम अदालत में पेश किया गया। एसआईटी का मानना है कि, इस पूरे प्रकरण में इन तीनों ही युवकों की खास भूमिका रही थी। तीनों आरोपी लगातार स्वामी के संपर्क में भी थे। पीड़िता और स्वामी के बीच चल रही ब्लैकमेलिंग की डील में यही तीनों सूत्रधार थे।
बता दें कि शाहजहांपुर के एलएलएम की छात्रा ने बीजेपी नेता चिन्मयानंद पर खुद का और कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। अगस्त के महीने में फेसबुक लाइव वीडियो में चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद छात्रा लापता हो गई थी। छात्रा ने कहा था कि चिन्मयानंद ने कई लड़कियों के जीवन को बर्बाद कर दिया है। जिस कॉलेज में छात्रा एलएलएम की पढ़ाई कर रही है। उस कॉलेज के बीजेपी नेता चिन्मयानंद निदेशक हैं।
छात्रा के लापता होने के बाद कुछ वकीलों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की अपील की थी। वकीलों ने कोर्ट से कहा था कि छात्रा गायब है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल दे। वकीलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने छात्रा के लापता होने के करीब 7 दिन बाद छात्रा को राजस्थान से बरामद किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया था। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने चेंबर में छात्रा से मुलाकात की थी। इसके बाद कोर्ट ने योगी सरकार को एसआईटी गठन कर मामले की जांच कराने का निर्देश दिया था।
इस बीच चिन्मयानंद की गिरफ्तारी नहीं होने पर छात्रा और उसके परिजनों ने एसआईटी जांच पर सवाल खड़े किए थे। छात्रा की ओर से एसआईटी को कई अहम सबूत भी मुहैया कराए गए थे। साथ ही छात्रा ने चिन्मयानंद पर रेप का आरोप भी लगाया था। चौतरफा दबाव के बाद अब चिन्मयानंद कि गिरफ्तारी हुई है।
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Published: 20 Sep 2019, 10:50 AM