दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों पर खुश होने वालों को सुरजेवाला की सलाह, पहले जान लें हकीकत, फिर बजाएं ताली

दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े सामने आने के बाद एक वर्ग खुश होकर ताली बजा रहा है, जबकि हकीकत काफी गंभीर है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने खुश होने वालों को सलाह दी है कि इन आंकड़ों को कोविड पूर्व के वर्ष से तुलना करने के बाद ही ताली बजाएं।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

डीदूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों पर ढोल-नगाड़े पीटने वालों को कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने वास्तविकता समझने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों पर इतराने के बजाए अर्थव्यवस्था की असली तस्वीर समझने की जरूरत है। सुरजेवाला ने एक के बाद एक ट्वीट में कहा कि "दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति की तरफ इशारा कर रहे हैं और इस मोर्चे पर मोदी सरकार की नाकामी की कहानी बयान कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि, "सरकार की खराब नीतियों के चलते अर्थव्यवस्था कोविड पूर्व समय से एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी है, जोकि पहले से ही बदतर स्थिति में थी।।"

उन्होने कहा कि इन आंकड़ों पर ताली बजाने वालों को निम्न बातें समझना चाहिए:

  • जीडीपी आंकड़ों को 2020-21 के आंकड़ों से तुलना करने के बजाए कोविड पूर्व वर्ष यानी 2019-20 से तुलना करनी चाहिए।

  • ऐसा करने से पता चलेगा कि 2019-20 में दूसरी तिमाही में स्थिर कीमतों पर जीडीपी 35.84 लाख करोड़ थी जो कि 2021-22 की दूसरी तिमाही में 35.73 लाख करोड़ है।

  • 2019-20 की दूसरी तिमाही में भी जीडीपी विकास दर मात्र 4.5 फीसदी थी

  • ऐसे में अगर हम मंदी से जूझती अर्थव्यवस्था (2019-20) से भी ताजा आंकड़ों की तुलना करते हैं तो भी स्थिति इस तिमाही में अच्छी नहीं है।

2019-20 में जब विकास की रफ्तार सुस्त पड़ चुकी थी तो भी 40 लाख करोड़ का आंकडा किसी तेजी का इशारा कर सकता था

आर्थिक मोर्चे पर उभरने के रास्ते में आखिर हम क्यों पिछड़े हुए हैं? उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री इस बारे में कोई योजना देश के सामने रखेंगे।

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