सुप्रीम कोर्ट का भीड़ की हिंसा पर फैसला, कहा, हिंसा की नहीं दी जा सकती इजाजत, लिंचिंग पर संसद बनाए कानून
भीड़ की हिंसा पर रोक लगाने के मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें इस तरह की हिंसा की इजाजत नहीं दे सकतीं। कोर्ट ने आदेश देते हुए राज्य सरकारों से कहा कि वे लिंचिंग को रोकने से संबंधित गाइडलाइंस को 4 हफ्ते के अंदर लागू करें।
देश भर में गौरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि देश में भीड़ को हिंसा की इजाजत नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश देते हुए कहा कि वे भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा को रोकें। कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा कि वे संविधान के मुताबिक काम करें। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते राज्य सरकारों से कहा कि वे लिंचिंग को रोकने से संबंधित गाइडलाइंस को चार हफ्ते के अंदर लागू करें। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि संसद भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा को रोकने के लिए कानून बनाए।
भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा पर रोक लगाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में फैसला सुनाए जाने का बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह इस तरह की हिंसा को रोकें। कोर्ट ने कहा कि भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा को इजाजत नहीं दी जा सकती।”
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