मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को फटकारा, कहा, फंड देने से पहले जांच क्यों नहीं? 

मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने सवाल किया कि अभी तक अधिकारी क्‍या कर रहे थे और किसी बड़े अधिकारी पर कार्रवाई क्‍यों नहीं हुई है?

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

मुजफ्फरपुर के बालिका गृह यौन शोषण मामले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि पिछले कई सालों से बिहार सरकार इस एनजीओ को फंड देती रही, लेकिन उसे ये नहीं पता कि ये फंड वो क्यों दे रही है? फंड जारी करने से पहले सरकार को इसके बारे में जांच करनी चाहिए थी। इस मामले के सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त को इसका स्वत: संज्ञान लिया था।

उधर राज्‍य सरकार की अनुशंसा के बाद इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है।

कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने कहा कि वह वक्त-वक्त पर सोशल ऑडिट करती है, कुछ बुरे अफसर भी होते हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने घटना की जांच में विलंब पर भी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने मामले की जांच रिपोर्ट भी मांगी। कोर्ट ने सवाल किया कि अभी तक अधिकारी क्‍या कर रहे थे और किसी बड़े अधिकरी पर कार्रवाई क्‍यों नहीं हुई है।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के आरोपियों में से एक की पत्नी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। महिला पर कुछ नाबालिग पीड़िताओं की पहचान और नाम सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर मौजूद अपने एकाउंट पर उजागर करने का आरोप है।

इसके पहले जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने राज्य और केंद्र सरकारों से तीन हफ्ते के भीतर जवाब मांगा था। कोर्ट ने पीड़ित लड़कियों की तस्वीरें और वीडियो दिखाने पर भी आपत्ति जताई थी। इस मामले पर आज सुनवाई हुई।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह की 34 लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई है, जिसके बाद ये मामला देशभर में चर्चा का विषय बना है। बालिका गृह के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके एनजीओ के फंड से लेकर ठाकुर के राजनीतिक रिश्तों की भी जांच की जा रही है। आरोप है कि ब्रजेश ठाकुर के राज्य के नेताओं और रसूखदार लोगों के संपर्क हैं।

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Published: 07 Aug 2018, 2:34 PM