चार नेताओं को खामोश कराने के फैसले से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट, कहा- लगता है चुनाव आयोग जाग गया है
चुनावी प्रचार में नेताओं के विवादित बयानों को लेकर चुनाव आयोग की कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को संतुष्टि जताई है। सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आयोग के प्रति तल्खी दिखाई थी और पूछा था कि आपको अपनी ताकत का अहसास नहीं है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिलने के बाद हरकत में आए चुनाव आयोग को मंगलवार को कुछ राहत मिली। पिछले 24 घंटों में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, बीएसपी अध्यक्ष मायावती पर की गई कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट कुछ हद तक संतुष्ट दिखाई दिया। कोर्ट ने इस कार्रवाई को लेकर चुनाव आयोग से कहा कि ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग नींद से जागा है। उसने आचार संहिता उल्लंघन मामलों पर नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया है।
इससे पहले चुनावी अभियान में भड़काऊ और सांप्रदायिक बयानबाजी करने पर चुनाव आयोग के पास क्या अधिकार हैं, इस बात का परीक्षण करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 16 अप्रैल को आयोग के प्रतिनिधि को पेश होने के लिए कहा था। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आचार संहिता के लगातार उल्लंघन के मामलों पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग से यहां तक पूछा था, “क्या आपको अपनी ताकत का अहसास नहीं है?”
सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से आगे पूछा कि आप कर क्या रहे हैं? अगर कोई ऐसा काम करता है जो उसे नहीं करना था तो ऐसे मामलों में आपको दखल देना चाहिए। इस पर चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कहा था कि संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए हैं तो कोर्ट ने फिर पूछा था कि आपने किस-किस को कितने नोटिस जारी किए। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से आगे पूछा था कि क्या उसे चुनाव आयोग की सख्तियों के बारे में पता है?
सुप्रीम कोर्ट की फटकार और सवालों से घबराए चुनाव आयोग ने आनन-फानन में 24 घंटे के अंदर ताबड़तोड़ कई कार्रवाई की। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा को लेकर की गई टिप्पणी के बाद आयोग ने 72 घंटे तक प्रचार न करने की पाबंदी लगा दी। जबकि मेनका गांधी पर सुल्तानपुर में मुसलमानों से वोट नहीं देने पर काम नहीं करने की बात पर 48 घंटे तक प्रचार नहीं करने की पाबंदी लगाई है। वहीं अली-बजरंग बली को लेकर सीएम योगी के चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटे और जबकि मायावती को चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे की रोक लगाई गई है। सभी पर पाबंदी भी मंगलवार सुबह से लागू है।
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आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली मायावती की याचिका खारिज
चुनाव आयोग की कार्रवाई से नाराज मायावती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया है।
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