सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस मामले में लगाई फटकार, एक हफ्ते का दिया समय
पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार के बजट आवंटन में बीते तीन वर्षों में करीब 1100 करोड़ रुपये विज्ञापन के लिए आवंटित किए गए हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में भी यह आवंटन 550 करोड़ रुपये है।
आरआरटीएस प्रॉजेक्ट (रैपिड रेल) के लिए दिल्ली सरकार की ओर से बजट नहीं दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने कड़े शब्दों में सरकार से कहा कि उनके विज्ञापन का पैसा प्रॉजेक्ट में लगा दिया जाए। सर्वोच्च अदालत ने आम आदमी पार्टी की सरकार को एक सप्ताह की मोहलत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले जुलाई में भी केजरीवाल सरकार से नाराजगी जाहिर की थी और प्रॉजेक्ट के लिए पैसा जारी करने को कहा था। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'दिल्ली सरकार ने इस कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया? हम आपके (दिल्ली सरकार) विज्ञापन बजट पर स्टे लगा देंगे। हम इसे अटैच कर देंगे और यहां लगाएंगे।'
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने यह भी निर्देश दिया कि दिल्ली सरकार के विज्ञापन फंड को प्रॉजेक्ट के लिए ट्रांसफर कर दिया जाए। हालांकि, इस आदेश को एक सप्ताह की अवधि के लिए स्थगित रखा गया है। सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि यदि एक सप्ताह में दिल्ली सरकार फंड ट्रांसफर नहीं करती है तो यह आदेश लागू हो जाएगा।
लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा, 'यदि ऐसे राष्ट्रीय प्रॉजेक्ट प्रभावित होते हैं और पैसा विज्ञापन पर खर्च किया जा रहा है तो हमें कहना पड़ेगा कि पैसा इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए भेज दिया जाए।' दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने एक सप्ताह का समय मांगा। जस्टिस कौल ने कहा कि मामले को एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया जाएगा और यदि फंड नहीं दिया गया तो आदेश प्रभावी हो जाएगा।
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