सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी और वीसी की नियुक्तियों को रखा बरकरार, कहा, रद्द करने का कोई आधार नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी केवी चौधरी और वीसी टीएम भसीन की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें नियुक्ति को संस्थागत अखंडता के खिलाफ बताया गया था। कोर्ट ने कहा है कि हमें इस नियुक्ति को रोकने का कोई आधार नजर नहीं आता।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) केवी चौधरी और सतर्कता आयुक्त (वीसी) टीएम भसीन की नियुक्ति को बरकरार रखा है। कोर्ट ने इन दोनों नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
केवी चौधरी को सीवीसी पद पर 6 जून, 2015 को और टीएम भसीन को 11 जून, 2015 को वीसी पद पर नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका को खारिज करते हुए कहा, "हमें सीवीसी चौधरी और वीसी भसीन की नियुक्ति रद्द करने का कोई आधार नहीं मिला।” कॉमन कॉज ने चुनौती दी थी कि नियुक्तियां कथित तौर पर 'संस्थागत अखंडता' के सिद्धांत का उल्लंघन कर हुई थीं।
इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह राजनीतिक पक्षपात के पहलू पर गौर नहीं करेगा और केवल इस बात की जांच करेगा कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त यानी सीवीसी और सतर्कता आयुक्त के पदों पर नियुक्त व्यक्ति बेदाग छवि होने का मानदंड पूरा करता है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में दायर इस याचिका पर सुनवाई के लिए स्वीकार किया था, जिसमें सीवीसी केवी चौधरी और सतर्कता आयुक्त वीसी टीएम भसीन की नियुक्ति को यह आरोप लगाते हुए चुनौती दी गई थी कि उनका साफ रिकॉर्ड नहीं है और उनकी नियुक्ति के दौरान अपारदर्शी प्रक्रिया का पालन किया गया था।
(आईएनएस के इनपुट के साथ)
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