सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- कश्मीर में प्रतिबंध, शटडाउन और हिरासत से संबंधित सभी आंकड़े मुहैया कराए केंद्र सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जम्मू और कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंध, शटडाउन और हिरासत से संबंधित सभी आदेशों के आंकड़े मुहैया कराने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि केंद्र सरकार एक हलफनामा दायर कर अपने आदेश और उसके कारणों का विवरण दे।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जम्मू और कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंध, शटडाउन और हिरासत से संबंधित सभी आदेशों के आंकड़े मुहैया कराने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों वाली पीठ का कहना है कि केंद्र सरकार को एक हलफनामा दायर करना होगा जिसमें उसे अपने आदेश और उसके कारणों का विवरण देने देना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों से संबंधित सभी मामले में चल रही सुनवाई को 25 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया है।
बता दें कि 5 अगस्त को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश और राज्य के पुनर्गठन का बिल पेश किया था। इस ऐलान के साथ ही पहले से ही तैयार बैठी सरकार ने कश्मीर घाटी के राजनीतिक नेताओं को नजरबंद किया गया, इंटरनेट सहित अन्य संचार सेवाएं रोक दी गई थी और पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई थी। हालांकि इससे पहले ही कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया जा चुका था। राज्य पुनर्गठन बिल के मुताबिक जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था, जिसमें एक लद्दाख का अलग और जम्मू-कश्मीर एक अलग राज्य बनाया गया। लेकिन दोनों को ही दर्जा केंद्र शासित प्रदेश का दिया गया।
जम्मू और श्रीनगर में लगातार धारा 144 जारी रही। कश्मीर के कई इलाकों में अब भी सड़कों पर सन्नाटा पसर हुआ है। साथ ही ज्यादातर बाजार अब भी बंद हैं। वहीं अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अबदुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को गिरफ्तार किया गया, जो कि अभी तक हिरासत में हैं। मीडिया पर भी प्रतिबंध है। वहीं कई बच्चों को भी हिरासत में लिया गया। हालांकि सोमवार से पोस्टपेड सेवा शुरू कर दी गई है। लेकिन, एसमएस सेवा फिर से बंद कर दिया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसके सभी फैसलों के आंकड़े मांगे हैं।
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Published: 16 Oct 2019, 12:29 PM