मेघालय खदान हादसाः सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार, पूछा- अब तक क्यों नहीं बचाए गए मजदूर
सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय में खदान मजदूरों को बचाने में हो रही देरी पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि बचाव कार्य में ढिलाई बरती जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय में खदान मजदूरों को बचाने में हो रही देरी पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने हालात पर चिंता जताते राज्य सरकार से पूछा कि 15 खनिकों को बचाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, अब तक उनको क्यों नहीं निकाला जा सका है? सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ये बहुत ही गंभीर मामला है और खदान में फंसे 15 खनिकों की जिंदगी और मौत का सवाल है।
जस्टिस एके सीकरी और अब्दुल नजीर की बेंच ने मेघालय सरकार से पूछा है कि आखिर क्यों अब तक इन मजदूरों को नहीं बचाया जा सका है? इस पर सरकारी वकील ने कहा कि मजदूरों की जिंदगी बचाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। जवाब दाखिल करते हुए मेघालय सरकार ने कहा, “राज्य फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए कदम उठा रहा है। एनडीआरएफ के 72, नौसेना के 14 और कोल इंडिया के 14 जवान 14 दिसंबर से तैनात किए गए हैं। इसमें केंद्र सरकार भी उसकी मदद कर रही है।”
कोर्ट ने कहा कि बचाव कार्य से हम संतुष्ट नहीं हैं। कोर्ट ने 15 खनिकों को निकालने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता आदित्य एन प्रसाद से केंद्र के विधि अधिकारी को बुलाने के लिये कहा ताकि इस मामले में उचित आदेश दिया जा सके।
बता दें कि मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में कोयले के खदान में 15 मजदूर 13 दिसंबर से फंसे हुए हैं। अवैध कोयला खदान में पास की लितेन नदी से पानी भरने के चलते खनिक खदान फंसे गए थे। फिलहाल बचावकर्मी खनिकों तक पहुंचने के लिए पंप के जरिए पानी को बाहर निकाल रहे हैं।
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Published: 03 Jan 2019, 3:30 PM