किसान आंदोलन की कामयाबी चौधरी साहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, राकेश टिकैत समेत किसानों ने बॉर्डर पर किया याद
इस दौरान आंदोलन स्थल पर चौधरी अजित सिंह की आत्मा की शांति के लिए किसानों ने हवन किया और उसके बाद तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किसानों ने उन्हें याद किया। इस मौके पर कई बुजुर्ग आंदोलनकारियों ने चौधरी अजित सिंह के संस्मरण सुनाए और उनकी कमी को महसूस भी किया।
गाजीपुर बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के बीच किसानों ने मंगलवार को राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) मुखिया और किसान नेता चौधरी अजित सिंह की तेरहवीं के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। धरना स्थल पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन की कामयाबी चौधरी साहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
स्वर्गीय अजीत सिंह को श्रद्धांजलि देते वक्त राकेश टिकैत ने पिछले दिनों को याद किया और भावुक भी हुए। उन्होंने कहा, "चौधरी साहब दिल्ली में बैठकर भी एक नजर किसान आंदोलन पर रखे हुए थे और जब उन्हें लगा कि किसानों को उनकी मदद की जरूरत है, उन्होंने इस बात का अहसास दिलाने में देर नहीं की कि किसानों की इस लड़ाई में वह हर वक्त आंदोलन के साथ हैं।"
राकेश टिकैत ने कहा, "इतना ही नहीं, कोरोना की चपेट में आने के बाद अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान भी उन्होंने आंदोलन के साथ संपर्क बनाए रखा और किसानों के हितों की परवाह करते हुए वह कोरोना से जंग हार गए। सही मायने में किसान आंदोलन के मुकाम पर पहुंचने के बाद ही पुण्य आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि मिल सकेगी।"
इस दौरान आंदोलन स्थल पर चौधरी अजित सिंह की आत्मा की शांति के लिए किसानों ने हवन किया और उसके बाद तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किसानों ने उन्हें याद किया। इस मौके पर कई बुजुर्ग आंदोलनकारियों ने चौधरी अजित सिंह के संस्मरण सुनाए और उनकी कमी को महसूस भी किया।
बता दें कि कोरोना से काफी लंबी जंग के बाद चौधरी अजित सिंह का 6 मई को निधन हो गया था। उनके निधन की खबर मिलते ही गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में मौजूद हजारों किसानों की आंखें नम हो गई थीं।
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