CM सिटी गोरखपुर में योगी की पुलिस खुद कर रही लूट, सर्राफा व्यापारियों से लूटे 30 लाख, हुए गिरफ्तार
बुधवार को रेलवे बस अड्डे से महराजगंज के दो सर्राफा कारोबारियों को बुधवार को चेकिंग के बहाने अगवा कर उन्हें कस्टम का अधिकारी बताकर 30 लाख रुपये लूट लिए गए थे।अब पता चला है कि घटना में असली पुलिस वाले शामिल थे।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिसकर्मी खुद ही लूटपाट में व्यस्त थे। लूटपाट भी सड़क पर हो रही थी। इसमें बाकायदा एक गैंग बनाया गया था जिसमें दरोगा और सिपाही सभी शामिल थे। ये सब असली पुलिसवाले थे। फिलहाल इन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। इन लुटेरे पुलिसकर्मियों के पास से 19 लाख रुपये नगद और लगभग इतने ही रुपयों के जेवरात बरामद किए गए हैं। घटना का खुलासा सीसीटीवी कैमरों के आधार पर हुआ जिसमें पीड़ितों ने इनकीं पहचान कर ली। घटना गोरखपुर की हैं। कुछ पुलिसकर्मी पड़ोस के जनपद बस्ती मे तैनात थे। जिस थाने में इनकीं तैनाती थी उसके थाना प्रभारी को भी निलंबित कर दिया गया है।
हैरान करने वालाी इस घटना की शुरुआत बुधवार को हुई थी जब गोरखपुर के सर्राफा व्यापारियों से 30 लाख रुपए लूट लिए गए थे। गुरुवार को गोरखपुर के एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने खुद इस घटना का खुलासा किया है। जानकारी के अनुसार बुधवार को रेलवे बस अड्डे से महराजगंज के दो सर्राफा कारोबारियों को बुधवार को चेकिंग के बहाने अगवा कर उन्हें कस्टम का अधिकारी बताकर 30 लाख रुपये लूट लिए गए थे।अब पता चला है कि घटना में असली पुलिस वाले शामिल थे। इसमें पड़ोस के जनपद के एक दारोगा और दो सिपाही शामिल थे। ये सभी पास के ही जिले बस्ती के एक थाने पुरानी बस्ती थाने में तैनात थे। इस थाने के प्रभारी अवधेश राज सिंह को भी निलंबित किया गया है। सीसीटीवी कैमरे के आधार पर मिले सुराग के बूते गोरखपुर पुलिस ने तीनों पुलिसवालों समेत पांच को दबोचकर लूटी गई नकदी और सोना भी बरामद कर लिया है।
बताया जा रहा है कि अब इनके खिलाफ रासुका और गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। तीनों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही शासन के पास बर्खास्तगी के लिए पत्र लिखा जा रहा है। बस्ती में आठ अन्य पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है। घटना के अनावरण से यह पता चलता है कि गैंग कई जिलों में ख़ाकी की आड़ में लूटपाट कर रहा था। पीड़ित महराजगंज के निचलौल कस्बे के रहने वाले हैं और वो लखनऊ जा रहे थे। दोनों सर्राफा कारोबारी दीपक वर्मा और रामू वर्मा से यह लूटपाट बुधवार की सुबह गोरखपुर में हुई थीं । पुलिस को फुटेज में बस अड्डे के वो बुलेरो गाड़ी मिली जिसमे बैठने से दोनों कारोबारियों ने इनकार कर दिया था।
बस्ती की बोलेरो के मालिक के जरिए पुलिस ने ड्राइवर देवेंद्र यादव को दबोचा। ड्राइवर ने बताया कि वह गाड़ी से दबिश के लिए पुरानी बस्ती थाने में तैनात दरोगा धर्मेंद्र यादव, सिपाही महेन्द्र यादव और संतोष यादव को लेकर गोरखपुर आया था। इसके बाद गोरखपुर पुलिस ने दरोगा धर्मेंद्र यादव और दोनों सिपाहियों को उनके तैनाती वाले थाने से ही पकड़ा गया। इसके बाद मुखबिरी करने वाले महराजगंज के इटहिया, ठूठीबारी निवासी शैलेष यादव और मारवाड़ी टोला, निचलौल के दुर्गेश अग्रहरि को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी जोगेन्द्र कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से लूट की रकम और सोना बरामद कर लिया गया है। वर्दी को दागदार करने वाले इन पुलिसवालों के खिलाफ एनएसए और गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। इनकी बर्खास्तगी के लिए भी ऊपर के अफसरों को लिखा जा रहा है।
घटना पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता पूर्व राज्यसभा सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि बस्ती महराजगंज और गोरखपुर तीनों एकदम करीब है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी वहीं के रहने वाले हैं अगर वहीं ख़ाकी खुद लूट कर रही हैं तो पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था की हालात समझी जा सकती है ! मुख्यमंत्री अपना घर मे भी अपराधी प्रवर्ति के लोगों में भय नही भर पाएं है। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बर्बाद हो चुकी है।
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