दिल्ली में दमघोंटू हुई हवा! कई इलाकों में AQI 400 के पार, लोगों की बढ़ी मुश्किलें
पूरे दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है। दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 355 पर है, वहीं, मथुरा रोड क्षेत्र में 340 पर और नोएडा में 392 पर है।
वायु प्रदूषण से दिल्ली का दम घुटने लगा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, आज राजधानी के कई इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। दिल्ली में सबसे ज्यादा एक्यूआई, (456) आनंद विहार में दर्ज किया गया। आइए अब ग्राफिक्स के जरिए यह समझने की कोशिश करते हैं कि दिल्ली के वह कौन से इलाके हैं, जहां वायु गणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में है।
दिल्ली के इन इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में है
पूरे दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है। दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 355 पर है, वहीं, मथुरा रोड क्षेत्र में 340 पर और नोएडा में 392 पर है। इन इलाकों से तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों को देख कर भी यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन इलाकों प्रदूषण किस स्तर पर है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में गिरावट के बीच इंडिया गेट के पास मॉर्निंग वॉकर, साइकिल चालक और जॉगर्स वर्कआउट करते दिखे। साइकिल चालकों का एक समूह ने कहा, “हम गुरुग्राम से हैं। सांस लेने में कठिनाई और आंखों में जलन हो रही है। सरकार को देखना चाहिए कि आगे यहां से कहां जाना है।"
प्रदूषण बढ़ने के साथ ही लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोगों के आंकों में जलन हो रही है। सांस लेने में तकलीफ हो रही है। दिल्ली में गाड़ी चलाने वाले सुखदेव कहते हैं कि घर से बाहर निकलना मजबूरी है. कभी-कभी सांस लेना मुश्किल हो जाता है, आप आंखों में भी हवा में बदलाव महसूस कर सकते हैं।
दिल्ली से सटे नोएडा में भी हालत खराब है। यहां पर भी हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 392 पर है। नोएडा से सुबह की धुंधली तस्वीरें तस्वीरें सामने आई हैं।
वायु गुणवत्ता सूचांक कितना होना चाहिए?
शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है।
दिपावली के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार आया था। लेकिन उस समय जानकारों ने कहा था कि साफ हवा के पीछे मौसमी कारण थे। दिवाली के समय बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से नॉर्थ ईस्ट कई राज्यों में बारिश हुई थी और तेज हवाएं चली थीं। यही वजह है कि प्रदूषण में कमी आई थी। लेकिन अब एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिससे मुश्किलें बढ़ गई हैं।
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Published: 29 Oct 2022, 9:12 AM