असम में NIT सिलचर के छात्रों ने खत्म की भूख हड़ताल, मांगों पर आश्वासन मिलने के बाद माने

प्रदर्शनकारी छात्रों में से एक ने कहा, "अधिकारियों ने हमारी दो प्राथमिक मांगों को पूरा करने का वादा किया है। प्रोफेसर रॉय को अगले कुछ दिन में उनके पद से हटा दिया जाएगा और बुकर की मौत के बाद विरोध-प्रदर्शन शुरू करने वाले छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।"

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

असम में एनआईटी सिलचर के छात्रों ने संस्थान के निदेशक द्वारा उनकी मांगों पर विचार करने के आश्वासन के बाद अपनी पांच दिवसीय भूख हड़ताल खत्म कर दी है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

थर्ड ईयर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग छात्र कोज बुकर की आत्महत्या के मामले में डीन (एकेडमिक्स) बी.के. रॉय पर गंभीर आरोप लगाते हुए भूख हड़ताल पर बैठे दो हजार से ज्यादा छात्रों ने शुक्रवार रात को अपना विरोध समाप्त करने का फैसला किया। एनआईटी प्रशासन के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को फलों के जूस के पैकेट सौंपे।

प्रदर्शनकारी छात्रों में से एक ने कहा, "अधिकारियों ने हमारी दो प्राथमिक मांगों को पूरा करने का वादा किया है। प्रोफेसर रॉय को अगले कुछ दिन में उनके पद से हटा दिया जाएगा और बुकर की मौत के बाद विरोध-प्रदर्शन शुरू करने वाले छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।"

इससे पहले शुक्रवार को इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक प्रोफेसर दिलीप कुमार बैद्य ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उनसे हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों से जल्द संपर्क नहीं करने के लिए खेद व्यक्त किया और उन्हें आश्वासन दिया कि प्रोफेसर बी.के. रॉय को अगले दो दिन के भीतर डीन के पद से हटा दिया जाएगा।

लेकिन छात्रों ने निदेशक से लिखित बयान की मांग की और कहा कि जब तक उन्हें यह नहीं मिल जाता, वे भूख हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। शुक्रवार दोपहर नई गैलरी में हुई एक घंटे की बैठक के दौरान छात्रों ने प्रोफेसर बैद्य को अपनी मांगों की एक सूची सौंपी।


थर्ड ईयर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग छात्र कोज बुकर की आत्महत्या के बाद, भूख हड़ताल 18 सितंबर की सुबह शुरू हुई। अधिकारियों के मुताबिक, बुकर का लटका हुआ शव 15 सितंबर को संस्थान के हॉस्टल-7 में मिला था। प्रो. बी.के. रॉय पर छात्रों ने आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। 

प्रोफेसर बैद्य ने बताया, "हमें मृत छात्र के परिवार के प्रति सहानुभूति है और हम आपके आंदोलन को समझते हैं। हम आपसे शीघ्र संपर्क न कर पाने के लिए क्षमा चाहते हैं। अगले दो दिनों के भीतर हम मांगों को पूरा करने के लिए तैयार हैं।" 

उन्होंने वहां संवाददाताओं से यह भी कहा, ''हमें लगता है कि मुद्दे लगभग सुलझ गये हैं।''

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